भोपाल: Hindu Ekta Mahakumbh यूपी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा-कांग्रेस समेत सभी दलों में सियासी तैयारियों का माहौल गर्माया हुआ है, इससे मध्यप्रदेश भी अझूता नहीं है। खास-तौर पर यूपी से लगते जिलों में चुनावी सरगर्मियां साफ नजर आती हैं। इसी बीच साधु-संतों और विद्वानों को आमंत्रित कर चित्रकूट में 13 से 15 दिसंबर तक होने वाले बड़े आयोजन हिंदू एकता महाकुंभ को लेकर पक्ष-विपक्ष में बहस छिड़ गई है। इस महाकुंभ में संघप्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में बहुसंख्यक हिंदू आबादी से जुड़े मुद्दों पर मंथन होगा, जिस पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं तो बीजेपी ने पलटवार किया है। आखिर इस आयोजन को लेकर इतनी चर्चा क्यों हैं? जबकि दोनों भी प्रमुख दल बहुसंख्यक आबादी को साधना चाहते हैं।
Hindu Ekta Mahakumbh आने वाले 2-3 महीनों में यूपी में विधानसभा चुनाव हैं, जिसमें हिंदू एजेंडा प्रमुख तौर पर छाया रह सकता है। ऐसे चुनावी माहौल के बीच विद्वान साधु-संतों ने हिंदुओं की आबादी कम होने पर चिंता जाहिर की है। संतों का कहना है कि देश में हिंदुओं की आबादी पहले 70 फीसदी थी जो अब घटकर सिर्फ 60 फीसदी तक रह गई है। इसलिए हिंदू एकता महाकुंभ के जरिए हिंदुओं को एक करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य ने चित्रकूट में हजारों संतों को आमंत्रित किया है। अहम बात ये कि इस हिंदु एकता महाकुंभ में देशभर से बीजेपी नेता शामिल होंगे। 13 दिसंबर से 15 दिसंबर तक होने वाले इस महाकुंभ में 15 दिसंबर को संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होंगे। इस महाकुंभ में धर्मांतरण, समान नागरिक संहिता, जनसंख्या नियंत्रण कानून, हिंदू सशक्तिकरण, गौवध निषेध समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी।
बहुसंख्यक आबादी को फोकस करने वाले एजेंडे पर कांग्रेस पार्टी को ऐतराज है। कांग्रेस पार्टी ने इसे संघ का ऐजेंडा बताते हुए निशाना साधा है। कांग्रेस के मुताबिक जब-जब चुनाव सिर पर होते हैं तब-तब संघ,बीजेपी को हिंदुओं की आबादी की चिंता सताने लगती है।
Read More: यहां 44 नए कोरोना मरीजों की हुई पुष्टि, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 400 के पार
जाहिर है 13 दिसंबर से 15 दिसंबर तक चित्रकूट में हो रहे साधु-संतों के मेले ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है। खास तौर पर संघ प्रमुख के इस महाकुंभ में शामिल होने से विपक्षी दलों की नींद उड़ी हुई है। यूपी चुनाव में कांग्रेस बहुसंख्यकों के दिल में जगह बनाने के लिए मठ मंदिर जा रही है, उनके मुद्दों को उठा रही है। सवाल ये कि चित्रकूट के हिंदू महाकुंभ पर कांग्रेस का विरोध क्या RSS के एजेंडे और बीजेपी की पकड़ मजबूत होने को लेकर उसकी घबराहट से जुड़ा है। उससे भी बड़ा सवाल ये कि क्या इसका असर मध्यप्रदेश पर भी पडेगा?
Read More: इस देश ने तबलीगी जमात पर लगाया प्रतिबंध, बताया ‘आतंकवाद का गेटवे’