भोपाल। मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और शर्तों के खिलाफ नर्सिंग कॉलेजों के संचालन पर, राज्य सरकार और प्रदेश के 8 नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ नोटिस जारी किया है।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नर्सिंग कॉलेजों से 4 हफ्तों में जवाब मांगते हुए पूछा है कि कॉलेजों के संचालन में मानकों का मखौल क्यों उड़ाया जा रहा है। हाईकोर्ट में ये याचिका जबलपुर की लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने दायर की थी। याचिका में 8 अलग-अलग नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता शर्तों के मुकाबले उनकी वास्तिवक स्थिति के फोटोग्राफ्स पेश किए गए हैं।
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इनमें किसी नर्सिंग कॉलेज की बिल्डिंग में गाड़ियों का शोरूम तो किसी कॉलेज की बिल्डिंग में वर्कशॉप और कमर्शियल कॉम्प्लैक्स संचालित होना दिखाए गए हैं। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश भर में खुले 621 नर्सिंग कॉलेजों में से 55 कॉलेज सरकार से विशेष रियायत लेकर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में खोले गए थे लेकिन यही 55 कॉलेज फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।
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इनमें ना लायब्रेरी ना लैब है और ना हॉस्टल-कॉलेज की 20 से 25 हजार वर्गफुट की बिल्डिंग। याचिका में इस फर्जीवाड़े को प्रदेश के हैल्थ सेक्टर और आदिवासी क्षेत्र के छात्रों के साथ खिलवाड़ बताया गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 13 अप्रैल को की जाएगी।
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