अदालत ने 14 ‘अयोग्य’ प्रोफेसर को हटाने संबंधी याचिका पर जवाब के लिए एम्स को ‘अंतिम मौका’ दिया

अदालत ने 14 ‘अयोग्य’ प्रोफेसर को हटाने संबंधी याचिका पर जवाब के लिए एम्स को ‘अंतिम मौका’ दिया

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  • Publish Date - March 28, 2025 / 03:45 PM IST,
    Updated On - March 28, 2025 / 03:45 PM IST

जबलपुर, 28 मार्च (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को उस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए ‘‘अंतिम मौका’’ दिया है जिसमें 2012 में नियुक्त 14 ‘‘अयोग्य’’ प्रोफेसर को हटाने का अनुरोध किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश एसके कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने एम्स भोपाल को एक जनहित याचिका के संबंध में अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।

पीठ ने 25 मार्च को कहा, ‘‘जिन प्रतिवादियों ने मौजूदा याचिका पर जवाब दाखिल नहीं किया है उन्हें चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आखिरी मौका दिया जाता है, ऐसा न करने पर प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।’’

याचिकाकर्ता प्रकाश चौकसे ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने एम्स की तीन सदस्यीय आंतरिक समिति के निष्कर्षों के आधार पर 14 प्रोफेसर को हटाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस समिति ने माना था कि ये प्रोफेसर इन पदों के लिए योग्य नहीं हैं।

भोपाल के अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता चौकसे ने कहा, ‘‘दिल्ली स्थित एम्स और अन्य अधिकारियों से शिकायत की गई थी, लेकिन इन्हें हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई।’’

याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने 2019 में उच्च न्यायालय का रुख किया, लेकिन भोपाल स्थित एम्स ने अभी तक जनहित याचिका पर अपना जवाब दाखिल नहीं किया है, जबकि पहले भी उन्हें नोटिस दिए जा चुके हैं।

उन्होंने दावा किया कि आखिरी बार जनवरी 2024 में नोटिस दिए गए थे।

भाषा

खारी संतोष

संतोष