भोपाल : Harda Fire Factory Blast : बस्ती में तुम खूब सिय़ासत करते हो बस्ती की आवाज उठाओ तो जानो फैज़ जौनपुरी की ये शायरी सियासतदानों के लिए बिलकुल सटीक बैठती है। और हरदा में हुए बड़े हादसे के लिए भी। जिसपर मध्यप्रदेश में खूब राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही है। कोशिश यही कि ये साबित कर सके कि हम ही हैं सबसे बड़े और सच्चे जन हितैषी, लेकिन अपनी सियासत के चक्कर में ये, ये भूल जाते हैं कि भला उन पर क्या बीत रही होगी। जिन्होनें अपनो को खोया है। जिनके जख्म अभी भरे नहीं है, लेकिन सियासत का नमक जरूर छिड़क रहे हैं।
Harda Fire Factory Blast : ये वो तस्वीर है जो बीजेपी के पूर्व विधायक और हरदा के कद्दावर नेता कमल पटेल ने जारी की है, तस्वीर में कांग्रेस के मौजूदा विधायक रामकिशोर दोगने के अलावा हरदा हादसे के आरोपी राजू अग्रवाल और रफीक पटेल को देखा जा सकता है। दोगने इन दोनों आरोपियों के बीच में खड़े हुए है। इस तस्वीर के सामने आने से पहले कमल पटेल पर आरोपियों से करीबी रिश्ते रखने के आरोप भी लगना शुरु हो चुके थे, पटेल ने ये तस्वीर हादसे में हुई धमाके के ठीक 24 घंटे बाद सार्वजनिक की है, यानि की हादसे के बाद बचाव कार्य के साथ साथ में एक दूसरे को निपटाने का खेल भी शुरु हो चुका था।
वैसे हरदा हादसे पर सियासत नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के ट्वीट से शुरु हुई जिसमें उन्होंने सीधे आरोप लगाया कि बताया जा रहा है की पटाखा फैक्ट्री का मालिक भाजपा @BJP4MP से जुड़ा हुआ है। सरकार की शय, साँठ-गाँठ, संरक्षण और सहयोग से इस अवैध फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था। इतने बड़े पैमाने पर अवैध फैक्ट्री का संचालन बिना सरकार की जानकारी और सहयोग के संभव नहीं है।
Harda Fire Factory Blast : इस से पहले भी कई बार इस अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाके,भीषण आग लगने की घटना हो चुकी है इसके बावजूद भी सरकार ने सुध ना लेते हुए जनता की जान को जोखिम में डाल कर अवैध फैक्ट्री का संचालन होता रहा। इससे पहले कांग्रेस ने अपने विधायकों और सरकार ने 6 अधिकारियों की समिति भी बना दी। लेकिन सुबह होते ही हरदा हादसे पर सियासत का रंग और चढ़ने लगा। सुबह विधानसभा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हादसे को प्रशासनिक कार्रवाई करार दिया तो कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी अपनी टीम के साथ हरदा पहुंच गए। यहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की और घटनास्थल का दौरान भी किया आखिरी में जीतू ने सरकार को कटघरे मे खड़ा करते हुए कई संगीन आरोप भी लगाए।
हरदा हादसे पर विपक्ष हमलावर है तो सरकार राहत और बचाव काम बड़ी उपलब्धि मान रही है, जिस वक्त ये हादसा हुआ भोपाल में कैबिनेट की बैठक चल रही थी। बैठक से ही शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह और आला अधिकारियों को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। इसके साथ ही आसपास के शहरों से करीब 50 एंबुलेंस और 35 फायर बिग्रेड की गाड़ियां भी भेजी गई। अब सरकार का कहना है कि विपक्ष फिजूल की राजनीति कर रहा है।
Harda Fire Factory Blast : सियासत के बारे में कहा जाता है कि ये न कभी रुकती है न कभी थकती है और शायद हरदा हादसे को लेकर भी ऐसा ही है जहां दोनों पार्टियों के बीच शह और मात का खेल जारी है ऐसे में यदि कोई तड़प रहा है तो वो आम इंसान जिसने अपने किसी को खोया है या खुद इस हादसे के दर्द से गुजर रहा है।