Harda Blast Inside Story: इस वजह से नुकसान कम वरना.. फैक्ट्री में बिछ जाती सैकड़ों लाशें.. देखें हरदा कांड की पूरी इनसाइड स्टोरी सिर्फ IBC24 पर..

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  • Publish Date - February 8, 2024 / 07:36 AM IST,
    Updated On - February 8, 2024 / 07:36 AM IST

हरदा: मध्यप्रदेश में हरदा की पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट ने 12 लोगों की जान ले ली। जबकि 200 से ज्यादा लोग हरदा, भोपाल, इंदौर और आसपास के जिलों के अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं। मंगलवार को दिन में धमाकों के बाद पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा, जो बुधवार यानी कल पूरा हुआ। सरकार एक्शन मोड में है लेकिन इस हादसे के जख्म यूं भरने वाले नहीं।

अंधाधुंध फट रहे ये पटाखे किसी जश्न के मौके पर नहीं बल्कि उस हादसे की वजह हैं, जिन्होंने हरदा में कई परिवारों को उजाड़ दिया.. मध्य प्रदेश के हरदा जिले के बैरागढ़ गांव में मंगलवार सुबह पटाका फैक्ट्री में हुए धमाके में कई लोगों की मौत हो गई जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए। अग्रवाल बंधुओं की इस फैक्ट्री में लगभग 600 लोगों के काम करने की जानकारी सामने आई है। वैसे तो प्रशासन के पास भी ये आंकड़ा नहीं है कि हादसे के वक्त वहां कितने लोग मौजूद थे। तीन मंजिला इस बिल्डिंग में हर तरीके के पटाखे बनाए जाते थे। पटाखे किस तरह से बनते थे और कितनी लापरवाही बरती जाती थी ये जानने के लिए आप आरोपियों की दूसरी फैक्ट्रियों की हालत देख सकते है।

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आप देख सकते हैं, फैक्ट्री में किस तरह खुले में सुतली बम रखे थे, रेत की बोरियों की तरह बारुद और पानी की तरह केमिकल रखा हुआ है, यानि मौत का पूरा सामान तैयार था बस जरुरत थी एक चिंगारी की। आखिरकार वो चिंगारी लगी और कई परिवार ने अपनों को खो दिया। आईबीसी24 से बातचीत में एक चश्मदीद ने बताया कि सबसे पहले निचले हिस्से में चिंगारी से आग लगने की शुरुआत हुई, जिसके बाद धीरे-धीरे धुआं फैलने लगा और लोगों में भगदड़ मच गई। इस दौरान कई लोग बाहर की तरफ भागे फैक्ट्री में सबसे पहले छोटे-छोटे धमाके होना शुरू हुए और थोड़ी देर में ही ये धमाके इतने बड़े हो गए कि 800 मीटर दूर के घरों और बस्तियां में हाहाकार मच गया। कहीं मलबा गिरा तो कहीं घरों में दरारे पड़ गई।

जिस वक्त भोपाल से 150 किलोमीटर दूर हरदा में धमाके हो रहे थे। सीएम मोहन यादव मंत्रियों के साथ कैबिनेट की बैठक में व्यस्त थे। हादसे की सूचना मिलते ही मंत्री उदय प्रताप और अधिकारी मौके के लिए रवाना हुए और प्रदेश सरकार ने शुरु किया सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन। 11 जिलों से 150 एंबुलेंस और फायर बिग्रेड की गाड़ियों को हरदा रवाना किया गया। भोपाल से इंदौर के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इंदौर और भोपाल मे बर्न यूनिट को तैयार किया गया और फिर सिलसिला शुरु हुआ मरीजों कों भर्ती करने का। इस पूरे ऑपरेशन को 32 टैंकर और 12 पोकलेन मशीनों के साथ अंजाम दिया गया।

पेटलावद हादसे से लेकर हरदा तक ऐसे हादसों की एक लंबी फेहरिस्त है लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर हम इनसे क्या सबक लेते है, क्या इन पर आई रिपोर्ट्स के आधार पर सुरक्षा के नियमों को सख्त किया जाता है, क्या अधिकारी सतत मानिटरिंग करते हैं या फिर अगले हादसे का इंतजार किया जाता है। देखें पूरी स्टोरी

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