Tighra Floating Solar Power Plant: इस बांध में बनेगा फ्लोटिंग सोलर प्लांट, सभी निकायों को सस्ते दर में मिलेगी बिजली, विभाग ने पत्र लिखकर मांगी जानकारी, जानिए पूरा प्लान

  • Reported By: Nasir Gouri

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  • Publish Date - January 27, 2025 / 12:21 PM IST,
    Updated On - January 27, 2025 / 12:23 PM IST

ग्वालियर : Tighra Floating Solar Power Plant: मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर के बाद अब ग्वालियर के तिघरा बांध में फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग ने जल संसाधन विभाग को पत्र लिख बांध के अब तक के सबसे न्यूनतम और अधिकतम जलस्तर की जानकारी मांगी है। इस जानकारी के आधार पर ही बांध में फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार की जा सकेगी। खास बात ये है कि इस फ्लोटिंग सोलर पार्क से स्थानीय निकायों को बिजली देने की योजना है। यानी कि स्थानीय निकायों को सस्ते दर पर बिजली मिलेगी। फ्लोटिंग सोलर प्लांट में सोलर पैनलों को फ्लोटर पर रखा जाएगा, जिससे पैनल सुरक्षित तरीके से पानी में तैर सकेंगे।

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Tighra Floating Solar Power Plant इन पैनल से बनने वाली बिजली को ग्रिड तक पहुंचाने पानी में ही इंवर्टर और ट्रांसफॉर्मर भी रखा जाएगा। इसके लिए एक फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म तैयार किया जा सकता है, जिसका काफी हिस्सा पानी के ऊपर तो थोड़ा पानी के नीचे पानी में बर्फ की तरह रहेगा। प्लेटफॉर्म के निचले हिस्से से किसी भारी वजन की वस्तु को जो़ड़कर रखा जाएगा। ये वस्तु वजन के चलते पानी के अंदर रहेगी और प्लेटफॉर्म पर आवश्यक भार डालती रहेगी। वैसे जल संसाधन विभाग के मुताबिक तिघरा बांध का सबसे कम स्तर 2007 में रहा था। तब जलस्तर 705 फीट तक पहुंच गया था। बाद में अंचल के अन्य बांधों से पानी तिघरा में लाया गया था। कमोवेश कुछ ऐसी ही स्थिति 2017 में भी हुई थी। तिघरा बांध का अधिकतम जलस्तर लगभग 739 फीट है।

तिघरा बांध में फ्लोटिंग सोलर प्लांट क्या होता है?

तिघरा बांध में फ्लोटिंग सोलर प्लांट सोलर पैनलों को पानी में तैरने वाले फ्लोटर पर स्थापित किया जाएगा, जिससे ये पैनल सुरक्षित रूप से पानी में तैरते रहेंगे और बिजली का उत्पादन करेंगे।

फ्लोटिंग सोलर प्लांट से मिलने वाली बिजली का उपयोग किसके लिए होगा?

फ्लोटिंग सोलर प्लांट से बनने वाली बिजली का मुख्य उद्देश्य स्थानीय निकायों को सस्ते दर पर बिजली देना है।

क्या तिघरा बांध में फ्लोटिंग सोलर प्लांट से जुड़ी कोई तकनीकी समस्याएं हो सकती हैं?

हां, इस तरह के प्रोजेक्ट में पानी के स्तर में बदलाव, पर्यावरणीय प्रभाव और उपकरणों का सही तरीके से कार्य करना जैसी कुछ तकनीकी चुनौतियाँ हो सकती हैं।

तिघरा बांध का अधिकतम और न्यूनतम जलस्तर क्या है?

तिघरा बांध का न्यूनतम जलस्तर 705 फीट और अधिकतम जलस्तर 739 फीट है।

फ्लोटिंग सोलर प्लांट में पैनल और अन्य उपकरण पानी में कैसे सुरक्षित रहते हैं?

फ्लोटिंग सोलर प्लांट में सोलर पैनल फ्लोटर पर रखे जाते हैं, और पैनलों से बिजली को ग्रिड तक पहुंचाने के लिए इंवर्टर और ट्रांसफॉर्मर पानी में ही फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म पर रखे जाते हैं।