Publish Date - January 28, 2025 / 01:24 PM IST,
Updated On - January 28, 2025 / 01:24 PM IST
ग्वालियर : MP Waqf Board मध्य प्रदेश में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें राज्य सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का भौतिक सत्यापन कराने का आदेश दिया है। यह आदेश पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को जारी किया गया है। इसके तहत वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच जिलेवार 15 बिंदुओं पर की जाएगी। यह निर्णय 26 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के बाद लिया गया। वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सत्यापन राजस्व अभिलेखों के आधार पर किया जाएगा और सभी जानकारी को ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। सरकार ने पांच दिन के भीतर संपत्तियों का सत्यापन करने का निर्देश दिया है।
MP Waqf Board ग्वालियर के पूर्व बीजेपी सांसद विवेक शेजवलकर ने इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड ने गरीब मुसलमानों का हक छीना है और मौलवियों ने संपत्तियों का गलत इस्तेमाल किया। वहीं कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने सरकार के इस कदम की आलोचना की और कहा कि यह सरकार के उलझनपूर्ण फैसले का हिस्सा है, जो केवल समस्या को बढ़ाएगा।
मध्य प्रदेश में वक्फ बोर्ड संपत्तियों का भौतिक सत्यापन क्यों किया जा रहा है?
मध्य प्रदेश में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का भौतिक सत्यापन गरीब मुसलमानों के हक को सुरक्षित करने और वक्फ संपत्तियों के गलत उपयोग को रोकने के लिए किया जा रहा है।
वक्फ बोर्ड संपत्तियों के सत्यापन में किन-किन बिंदुओं पर जांच की जाएगी?
वक्फ बोर्ड संपत्तियों का सत्यापन जिलेवार 15 बिंदुओं पर किया जाएगा, जिसमें संपत्तियों के स्वामित्व, कब्जे और उपयोग की स्थिति की जांच की जाएगी।
वक्फ बोर्ड संपत्तियों का सत्यापन कब तक पूरा होना है?
वक्फ बोर्ड संपत्तियों का सत्यापन पांच दिनों के भीतर पूरा करके जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट करने का निर्देश दिया गया है।
क्या इस सत्यापन से गरीब मुसलमानों को फायदा होगा?
विवेक शेजवलकर के अनुसार, अगर वक्फ बोर्ड का कानून ठीक तरीके से लागू होता है, तो इसका फायदा असल में गरीब मुसलमानों को मिलेगा, जिन्हें संपत्तियों से वंचित किया गया था।
क्या इस सत्यापन से वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने की समस्याओं का समाधान होगा?
कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार के अनुसार, वक्फ बोर्ड संपत्तियों पर कब्जा की समस्याएं जारी रह सकती हैं, लेकिन सरकार को इन संपत्तियों की सुरक्षा और संरक्षित करने की कोशिश करनी चाहिए।