Reported By: Nasir Gouri
,ग्वालियर। Gwalior News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर डबल बेंच ने स्वर्ण रेखा की बदहाली को लेकर एक बार फिर जमकर फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा, कब तक डीपीआर पेश करने के लिए समय मांगेंगे। स्वर्ण रेखा नदी में अब तक कितना काम किया, कितना और करना है, कितना पैसा खर्च कर दिया इसका शपथ पत्र निगम आयुक्त पेश करें। साथ ही स्वर्ण रेखा नदी में कचड़ा न जाएं, उसके लिए जाली लगाने के मामले में स्मार्ट सिटी शपथ पत्र दें।
इसके साथ ही स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर कहा कि, स्मार्ट सिटी ने शहर की कुछ रोड़ पर बड़े-बड़े लैंप लगा दिए है, एक लैंप जलता है और एक बंद रहता है। कई इलाकों में तो ट्यूबलाइट तक नहीं है। बाड़े पर दो घंटे पानी गिर जाएं तो घुटने तक पानी भर जाता है। वहां करोडो़ं रूपए की पार्किंग बना रहे हैं उन्होंने ने कहा कि पहले ये तो समस्या हटाओं, फिर आगे बढ़ो। इस वजह से स्मार्ट सिटी का पूरा मैकअप धुल जा रहा है।
200 करोड़ से ज्याद राशि किए खर्च
Gwalior News: वहीं कोर्ट ने स्मार्ट सिटी, नगर निगम से 6 फरवरी तक शपथ पत्र के साथ पेश होने के आदेश दिए है। दरअसल, विश्वजीत रतौनिया ने स्वर्ण रेखा में फैली गंदी को लेकर जनहित याचिका दायर की है। कोर्ट ने 22 नवंबर 2023 को हुई सुनवाई के दौरान नगर निगम व स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि पेट में कब्ज है और उसका चेहरा चमकाकर सुंदर बना रहे हैं। कोर्ट ने आदेश दिया था कि स्वर्ण रेखा को लेकर जो आदेश दिए हैं, उनका अक्षरश: पालन किया जाए। ताकि स्वर्ण रेखा का जीर्णोद्धार हो सके। क्योंकि बीते 23 साल में स्वर्णरेखा पर 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि साफ पानी बहाने के लिए खर्च की जा चुकी है। लेकिन वह अब तक नाला बनी हुई है।