High Court canceled FIR of rape registered against forest worker : ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दुष्कर्म की FIR और कार्रवाई को पूरी तरह निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वादा तोड़ने को झूठा वादा करना नहीं कहा जा सकता है। हाईकोर्ट ने वनकर्मी पर दुष्कर्म की FIR निरस्त को निरस्त कर किया गया।
High Court canceled FIR of rape registered against forest worker : बता दें कि वन कर्मी बालाघाट में पदस्थ था। युवती ने ग्वालियर में एफआईआर को दर्ज कराया था। जिसके बाद फैसले में हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ ने वनकर्मी के खिलाफ दर्ज शिकायत को गैरकानूनी बताया है। आरोपित के अधिवक्ता अवधेश प्रताप सिंह सिसोदिया ने सुनवाई के दौरान बताया कि शिकायतकर्ता युवती और आरोपित युवक के बीच 8 साल से संबंध थे। इसमें बहला फुसला कर दुष्कर्म करने की स्थिति नहीं बनती है। कोर्ट ने भी इस पर अपनी सहमति जताई कि आठ साल में बनाए संबंध उनकी स्वेच्छा से थे, इसे दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।
ग्वालियर खंडपीठ ग्वालियर ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, फिजिकल रिलेशन बनाते वक्त युवती बालिग थी। 8 साल तक रिलेशन में रहने के बाद शिकायत नहीं की। युवक ने शादी करने से इंकार किया तो एफआईआर दर्ज कराई गई। सभी पहलुओं से जांच के बाद कहा कि वादा तोड़ने को झूठा वादा नहीं कहा जा सकता है।
युवती ने घटना की जारनकारी देते हुए बताया कि, आरोपित ने उसे एक दिन यह कहकर अपने घर बुलाया कि उसे कोई जरूरी काम है। जब वह उसके घर पहुंची तो वहां कोई नहीं था। मौका पाकर आरोपित ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद शादी का झांसा देकर आठ साल तक उसने संबंध बनाए। जब शादी की बात की तो पता चला कि आरोपित किसी और से शादी करने जा रहा है। इसके बाद ही युवती ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई।