Reported By: Nasir Gouri
,ग्वालियर।Gwalior News: लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगते ही ग्वालियर चंबल अंचल के 252 से ज्यादा विकासकार्यों पर ब्रेक लग गया है। ये वो प्रोजेक्ट थे जिनके टेंडर प्रक्रिया में थे, तो कुछ टेंडर जारी होने वाले थे। टेंडर हाल ही ओपन भी हो चुके है। लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से इन कार्यों की रफ्तार थम गई हैं। ग्वालियर के सांसद के 50 करोड़ के स्वीकृत काम भी रूक गए है। हांलकि उनका कहना है कि ऐसा हर बार होता है, लेकिन एक देश, एक इलेक्शन से सब ठीक हो सकता है। चुनाव की तरीखों का ऐलान होते ही ग्वालियर-चंबल के विकास कार्यों पर ब्रेक लग गया है। ऐसे में इन विकास कार्यों की प्रक्रिया अब आचार संहिता हटने यानी जून के प्रथम सप्ताह में ही शुरू होगी।
आचार संहिता से सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे और आगरा-ग्वालियर फोरलेन हाइवे, एलिवेटेड रोड का दूसरा चरण, अमृत योजना 2 व थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना सहित अन्य छोटे-बड़े प्रोजेक्ट के कार्य शामिल हैं। बीजेपी सांसद कहते हैं कि 5 साल तीन से चार चुनाव होते है, इसलिए विकास की रफ्तार पर आचार संहिता का ब्रेक लगता है, लेकिन आने वाले वक्त में एक इलेक्शन होगा, तो इससे छुटकार मिलेगा। ग्वालियर नगर निगम की बात करें तो विधानसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद से अब तक 671 टेंडर लगाए हैं। इनमें 419 ओपन हो चुके हैं और 252 के अभी ओपन होना बाकी है। अब यह टेंडर आचार संहिता हटने के बाद ही खोले जाएंगे।
तो वहीं कायाकल्प, 15वें वित्त, सीएम इंफ्रा, विशेष निधि, स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन, लोक निर्माण विभाग व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण विभागों करोड़ों रुपए के प्रस्तावित विकास कार्यों पर रोक लग गई है। नगर निगम के सीमेंट कंक्रीट, सीवर, विद्युत सहित 252 विकास कार्य रुकेंगे। हालांकि इनमें और अन्य कई प्रोजेक्ट के टेंडर प्रकिया में है तो कुछ टेडर जारी होने वाले थे। वहीं कांग्रेस का कहना है कि एक इलेक्शन पर बीजेपी पर तंज कस रही है। एलिवेटेड रोड सेकंड फेज को पीडब्ल्यूडी के सेतु संभाग द्वारा 926.21 करोड़ की लागत से बनना है।
ये काम होंगे बंद
-चंबल पानी प्रोजेक्ट को नगर निगम द्वारा 458 करोड़ की लागत से पूरा करना है। -अमृत योजना फेज-2 को नगर निगम द्वारा 390 करोड़ से पूरा करना है। -सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे को एनएचएआइ द्वारा 4297 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। -थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना में हाउसिंग बोर्ड द्वारा 180 करोड़ की लागत से पूरा करना है। चार संहिता लगने के साथ ही स्मार्ट सिटी में भी एक नया संकट पैदा हो गया है। क्योंकि जून में स्मार्ट सिटी का कार्यालय खत्म होने जा रहा है। जबकि स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने अभी 5 कार्यों के टेंडर जारी किए थे। लेकिन आचार संहिता लगने से यह टेंडर अटक गए हैं और अब आचार संहिता खत्म होने के बाद ही खुल सकेंगे। इसके अलावा 33 करोड़ की लागत की चार नई परियोजनाओं को भी स्वीकृत दी गई थी, लेकिन यह टेंडर अभी प्रक्रिया में नहीं थे।