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Gwalior Mayor Shobha Singh Sikarwar: ग्वालियर: नगर निगम की महापौर डॉक्टर शोभा सिंह सिकरवार नगर निगम की कार्यप्रणाली से बेहद नाराज हैं। उन्होंने इस संबंध में ग्वालियर नगर निगम अध्यक्ष को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उन्हें नगर निगम परिषद की बैठकों से मुक्त रखा जाए।
आईबीसी24 से बातचीत के दौरान महापौर ने बताया कि उन्होंने इस बार नगर निगम का 2513 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, लेकिन विपक्षी दल की तानाशाही के कारण बजट सत्र में लगातार अव्यवस्था बनी रही। उन्होंने कहा कि निगम का सदन प्रोटोकॉल के अनुसार नहीं चल रहा है।
Gwalior Mayor Shobha Singh Sikarwar: महापौर ने बताया कि वह अपनी पूरी मौलिक निधि 66 वार्डों में समान रूप से खर्च करती हैं, जिसमें भाजपा पार्षदों के वार्ड भी शामिल हैं। लेकिन निगम की बैठकों में राजनीतिक दबाव और बहुमत के आधार पर उनकी निधि में वृद्धि नहीं होने दी गई। उन्होंने कहा कि पार्षदों की निधि 65 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ 15 लाख रुपये कर दी गई है, लेकिन उनके अपने विकास निधि प्रस्ताव को रोक दिया गया।
दरअसल, इस बार महापौर डॉक्टर शोभा सिंह सिकरवार ने अपनी 6 करोड़ रुपये की निधि को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव बजट में शामिल किया था। वहीं, पार्षदों की निधि को 65 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ 15 लाख रुपये (प्लस जीएसटी) करने का निर्णय लिया गया था। निगम के सदन में विपक्षी भाजपा पार्षदों ने अपनी निधि में वृद्धि को मंजूरी दे दी, लेकिन महापौर की निधि में बढ़ोतरी को रोक दिया और जमकर विरोध भी किया।
Gwalior Mayor Shobha Singh Sikarwar: इस स्थिति से आहत होकर महापौर ने इसे उनके खिलाफ सुनियोजित साजिश बताया और कहा कि जब सदन में उन्हें अपमानित किया जा रहा है, तो ऐसी बैठकों में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं है।