Reported By: Nasir Gouri
,ग्वालियर। अगर आपके घर या कालोनी में आवारा कुत्ता हैं, तो उनसे बचके रहिये। वह इसलिए कि तीन माह के आंकड़े हैरान करने वाले हैं। जनवरी, फरवरी और मार्च में ही छह हजार 122 लोगों को आवारा कुत्तों ने अपना शिकार बना चुके हैं। पिछले सालों के मुकाबले यह तीस फीसदी से भी अधिक है। ये जो आकड़े है वो जयारोग्य अस्पताल, मुरार जिला अस्पताल और सिविल अस्पताल है। वहीं, पुलिस ने निगम को चिट्टी लिखी है। शहर से आवारा कुत्तों हटाएं, क्योंकि पुलिसकर्मी भी कुत्तों का शिकार हो चुके है।
यह आंकड़े एक हजार बिस्तर अस्पताल में संचालित सामुदायिक चिकित्सा विभाग की ओपीडी के हैं। इसके अलावा मुरार जिला अस्पताल और सिविल अस्पताल में भी रोजाना औसतन 80 के करीब डाग बाइट के केस पहुंचते हैं। जयारोग्य अस्पताल और जिला अस्पताल में डाग बाइट के 80 से 100 मामले हर रोज पहुंच रहे हैं। ताजा मामला कंपू क्षेत्र में श्वानों द्वारा एएसआई पर हमले का है। हमले से बचने के लिए एएसआई ने बाइक दौड़ाई, जिससे वह फिसल गए और चोटिल होकर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इस घटना के बाद पुलिस भी सख्तें में है।
पुलिस ने निगम को चिट्टी लिखी है, कि शहर से आवारा कुत्तों हटाएं, क्योंकि पुलिसकर्मी भी कुत्तों का शिकार हो चुके है। अगर देखा जाएं तो आवारा कुत्तों के बढ़ते मामलों को लेकर नगर निगम ने कुत्तों को पकड़ने का अभियान चलाया था। लेकिन, निगम का यह अभियान औपचारिकता बनकर रह गया। कई इलाकों में कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। इतना ही नहीं कुत्तें के हमलों के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे और बुजुर्ग हो रहे हैं। बहरहाल ग्वालियर में ये सवाल बड़ा हो चला है, कि शहर को आवरा कुत्तों से कब निजात मिलेगीं। क्योंकि, आवारा कुत्तों की संख्या जिस तेजी से बढ़ रही है, उसी तेजी से कुत्तों के काटने के आकंड़े भी बढ़ रहे है।