CM Helpline : ग्वालियर। किसी को अस्पताल परिसर में मिल्क पार्लर चाहिए तो किसी को चाहिए औषधालय केंद्र, कोई यहां नौकरी मांग रहा है तो कोई जनरल स्टोर शुरू करने की डिमांड कर रहा है। ये सब नहीं मिलने पर लोग सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर देते हैं। जी हां, ऐसी अजब-गजब फरमाइश वाली शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के विरुद्ध की जा रही हैं। प्रबंधन की मानें तो इस सप्ताह के भीतर इसी प्रकार की 500 से अधिक शिकायतें की जा चुकी हैं। अकेले एक व्यक्ति ओर उसकी बहन ने 150 से ज्यादा शिकायतें कर दी है।
CM Helpline : प्रबंधन का कहना है कि इन शिकायतों को दूर करने में हफ्ते के 3 दिन चले जाते हैं। अब ऐसे में अस्पताल प्रबंधन की अन्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अक्षय निगम ने बताया कि हैरानी की बात है कि प्रबंधन के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में शिकायतें की जा रही हैं, जबकि इन शिकायतों का स्वास्थ्य से कोई संबंध ही नहीं है। आलम यह है कि किसी को अस्पताल में मिल्क पार्लर चाहिए तो किसी को मेडिकल स्टोर और इसके अलावा कई लोग तो ये आरोप लगाकर शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें नौकरी में भर्ती नहीं किया जा रहा। कई ऐसी शिकायतें भी हैं, जिनका अस्पताल से सीधे तौर पर कोई लेना देना नहीं है। लेकिन इन सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण करने में हमारा समय बर्बाद हो जाता है, जिससे अस्पताल का कामकाज अवरुद्ध हो रहा है.समझाने में चला जाता है।
डॉ. निगम ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन पर ही निराकरण के लिए शिकायतकर्ता को ढूंढना पड़ता है। फिर उसके हाथ-पैर जोड़कर उसे समझाना पड़ता है कि जिस प्रकार की शिकायत उसने की है, उससे संबंधित सीधा निर्णय अस्पताल प्रबंधन नहीं ले सकता है। नौकरी में सीधे स्तर पर भर्ती नहीं की जा सकती। इन सब कार्यों में लगे रहने के कारण यहां भर्ती मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में दिक्कत आ रही है।
आपको बता दें कि ग्वालियर का गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में केवल ग्वालियर ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों जैसे दतिया, भिंड, धौलपुर, मुरैना, छतरपुर, रीवा, पन्ना आदि के मरीजों के साथ अन्य प्रदेशों से भी लोग इलाज के लिए आते हैं। इसके अलावा यहां ग्वालियर को बड़ी सौगात के रूप में मिला 1000 बेड का अस्पताल भी शुरू हो चुका है। ऐसे में प्रबंधन भी स्टाफ की कमी से जूझ रहा है और ऊपर से ये शिकायतें उसकी परेशानी का सबब बनी हैं।