Publish Date - January 30, 2025 / 12:37 PM IST,
Updated On - January 30, 2025 / 12:37 PM IST
ग्वालियर : Action On Private Colleges मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने ग्वालियर स्थित जीवाजी यूनिवर्सिटी के साथ-साथ 6 अन्य विश्वविद्यालयों के अंतर्गत संचालित 14 नए निजी कॉलेजों के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इस फैसले के पीछे एक गंभीर मामला है, जिसमें यह खुलासा हुआ है कि मुरैना के शिवशक्ति कॉलेज झुंडपुरा को 14 वर्षों तक बिना बिल्डिंग के जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबद्धता दी जाती रही। इस फर्जीवाड़े में जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी समेत 17 प्रोफेसरों के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एफआईआर दर्ज की है।
Action On Private Colleges इस मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा की गई कार्रवाई के बाद, उच्च शिक्षा विभाग ने कड़ी प्रतिक्रिया दिखाई है और उन कॉलेजों की एनओसी पर रोक लगा दी है, जो इन विश्वविद्यालयों से संबद्ध हैं। उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त ने आदेश जारी किया कि इन कॉलेजों का फिजिकल वेरीफिकेशन किया जाएगा और उसके बाद ही इन कॉलेजों के कोर्स की निरंतरता के लिए एनओसी जारी करने का निर्णय लिया जाएगा।
संबद्ध कॉलेजों की सूची जिनकी एनओसी पर रोक लगाई गई है
एचआईसीटी लॉ कॉलेज, झांसी रोड, ग्वालियर
जय इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, झांसी रोड, ग्वालियर
मंगल महाविद्यालय, अंबाह, मुरैना
आरडीएस विद्या आश्रम ग्रुप ऑफ कॉलेज, मुरैना
क्या कारण था कि उच्च शिक्षा विभाग ने इन कॉलेजों की एनओसी पर रोक लगाई?
इन कॉलेजों के बारे में जानकारी मिली कि इनकी संबद्धता बिना उचित ढांचे और सुविधाओं के की गई थी, जिससे उच्च शिक्षा विभाग ने फिजिकल वेरीफिकेशन के बाद एनओसी की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
कौन से कॉलेज इस कार्रवाई के दायरे में आए हैं?
इस कार्रवाई में कुल 14 नए निजी कॉलेज आए हैं, जिनमें जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेज शामिल हैं, जैसे एचआईसीटी लॉ कॉलेज, जय इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, मंगल महाविद्यालय, और आरडीएस विद्या आश्रम ग्रुप ऑफ कॉलेज।
कौन-कौन से अधिकारी इस मामले में आरोपित हैं?
इस मामले में जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी सहित 17 प्रोफेसरों पर एफआईआर दर्ज की गई है।
क्या इन कॉलेजों के लिए एनओसी पुनः जारी की जाएगी?
इन कॉलेजों का फिजिकल वेरीफिकेशन कराया जाएगा, और उसके बाद ही एनओसी जारी करने का निर्णय लिया जाएगा, यह उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार होगा।
क्या इस मामले में और किसी विश्वविद्यालय की कार्रवाई की जाएगी?
उच्च शिक्षा विभाग ने अब तक जिन 6 विश्वविद्यालयों से संबंधित कॉलेजों की एनओसी पर रोक लगाई है, वहीं अन्य विश्वविद्यालयों की जांच भी की जा सकती है, यदि ऐसी कोई अनियमितताएं पाई जाती हैं।