Guna News: एक महिला की मौत के दो डेथ सर्टिफिकेट, अधिकारियों के भी उड़े होश, असल वजह पर अटका मामला

एक महिला की मौत के दो डेथ सर्टिफिकेट, अधिकारियों के भी उड़े होश, असल वजह पर अटका मामला Two death certificates of a woman's death

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  • Publish Date - April 18, 2023 / 01:45 PM IST,
    Updated On - April 18, 2023 / 01:45 PM IST

गुना। जिले में एक ही महिला की दो बार मौत हो गई। आपको सुनकर हैरानी होगी, लेकिन यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह मृतक महिला के दो अलग-अलग डेथ सर्टिफिकेट कह रहे हैं। सिस्टम की लापरवाही का गैर जिम्मेदाराना रवैया देखिए, जब उसका पति सर्पदंश से मौत का दावा पेश करने पहुंचा, तो चाचौड़ा एसडीएम विकास कुमार आनंद ने उसे यह कहते हुए खारिज कर दिया, कि सर्पदंश के बाद महिला स्वस्थ होकर अस्पताल से घर पहुंच गई थी, इसके बाद उसकी मौत हुई है। इसलिए जो दावा पेश किया गया है वह सही नहीं है। पति ने इस डेथ सर्टिफिकेट से 2 दिन पहले का सर्पदंश से मौत का डेथ सर्टिफिकेट अधिकारियों को दिखा दिया। एक ही महिला के 2 अलग अलग डेथ सर्टिफिकेट देखकर अधिकारियों के होश उड़ गए।

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ऑनलाइन सिस्टम में भी हेराफेरी

तकनीक के इस युग में भीके कागजों में हेरा फेरी हो जाए तो कंप्यूटर जैसी तकनीक भी हमारे देश को कैसे आगे ले जा पाएगी, यह बड़ा सवाल खड़ा होता है? तकनीक के इस युग में भी इन लोगों ने ऑनलाइन सिस्टम को मात दे दी। मृतक महिला चाचौड़ा क्षेत्र के बरयाई गांव की थी, 29 बर्षीय इस महिला की मौत के बाद उसका पति सर्पदंश से मौत के लिए 4 लाख का मुआवजे का दावा पेश करने के लिए दर-दर भटक रहा है, जिसे जिले के अधिकारियों ने पहले ही खारिज कर दिया है। महिला इस दुनिया को अलविदा जरूर कह गई, लेकिन कई बड़े सवाल खड़े हो गए हैं, की महिला की मौत कैसे हुई। डेथ सर्टिफिकेट में महिला की मौत की वजह आखिर कैसे दर्शा दी गई, किस आधार पर दर्शा दी गई, यह अपने आप में बड़े सवाल हैं।

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पति का दावा – सर्पदंश से हुई थी मौत

दरअसल, सर्पदंश के बाद महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसके इलाज से जुड़ा सारा रिकॉर्ड मौजूद था। चाचौड़ा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बिरयाई निवासी सीताराम बिजोरी की पत्नी विंदवती उम्र 29 साल का पहला डेथ सर्टिफिकेट 8 अगस्त 2022 को जारी किया गया, जिसमें मृत्यु की दिनांक 17 जुलाई 2021 लिखा हुआ है। इसके बाद 14 दिसंबर 2022 को दूसरा डेथ सर्टिफिकेट बनाया गया, जिसमें उसकी मौत की तारीख 15 जुलाई 2021 दर्जी की गई।  मौत की पुष्टि करते हुए दोनों ही सर्टिफिकेट को तत्कालीन पंचायत सचिव सुरेश मीना ने जारी किया था। मामला संज्ञान में आने के बाद गुना कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए ने जांच के निर्देश दिए थे, जिसमें जांच के दौरान पंचायत सचिव दोषी पाया गया। जिसके बाद 10 अप्रैल को जिला पंचायत सीईओ प्रथम कौशिक ने सुरेश मीना को निलंबित कर दिया।

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खड़े हो रहे कई सवाल

सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। ऐसे में यह त्रुटि आखिर कैसे हुई, महिला की मौत की वजह क्या रही यह कैसे उजागर होगा। अगर महिला की मौत सर्पदंश से हुई थी, तो महिला जिला अस्पताल से स्वस्थ होकर घर कैसे चली गई, यह रिकॉर्ड जिला अस्पताल में मौजूद होना चाहिए। अगर महिला की मौत सर्पदंश से हुई होगी तो ही महिला के पति का दवा सही माना जाएगा, तब उसे सर्पदंश से मिलने वाली राशि मिल पाएगी। अगर मौत की वजह कुछ और रही तो उसे यह राशि नहीं मिल पाएगी। फिलहाल पूरा मामला मौत की वजह पर अटका हुआ है। IBC24 से नीरज योगी की रिपोर्ट

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