भोपालः Government on inactive employees मध्य प्रदेश में उन सरकारी अफसरों और कर्मचारियों के लिए खतरे की घंटी बज गई है, जो नौकरी में रहते हुए भी कोई खास योगदान नहीं कर पाए हैं या जो नौकरी के काबिल नहीं हैं। सरकार ऐसे नकारा अधिकारियों की छटनी कर सकती है।दरअसल, मध्य प्रदेश में नौकरी करने के लिए अपात्र IAS, IPS, IFS, राज्य प्रशासनिक, राज्य पुलिस, मंत्रालय सहित दूसरी सेवाओं के अधिकारियों को चिन्हित करने के लिए दिसंबर में बैठक होनी है। इसमें 20 साल की सेवा या 50 साल से अधिक आयु के आधार पर अधिकारियों-कर्मचारियों के सेवा अभिलेखों का परीक्षण किया जाएगा। सामान्य प्रशासन, गृह सहित समेत तमाम विभागों ने अपने अधीन आने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी मंगाई है। जिसका परीक्षण करके प्रतिवदेन तैयार होगा और फिर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
Government will expel inactive employees बता दें कि मध्य प्रदेश में हर साल विभागीय छानबीन समिति की बैठक कर अधिकारियों-कर्मचारियों के सेवा अभिलेख के आधार पर प्रतिवेदन तैयार किया जाता है। इसमें जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को शासकीय सेवा में रहने योग्य नहीं पाया जाता है, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रस्ताव बनाकर अनुशंसा सहित अंतिम फैसले के लिए भेजे जाते हैं। छानबीन समिति अधिकारियों-कर्मचारियों के सेवा अभिलेखों का परीक्षण करती है। इसमें यह देखा जाता है कि सेवाकाल कैसा रहा है। आर्थिक अनियमितता, पद के दुरुपयोग सहित अन्य किसी शिकायत के कारण दंडित तो नहीं किया गया है। इस आधार पर समिति की अनुशंसा पर सरकार निर्णय लेती है।