Reported By: Shalini Hardia
,शालू गोस्वामी, शिवपुरीः Girl dies due to lack of treatment मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने फिर एक मासूम की जान ले ली। कागजी कार्रवाई में ही इतना समय लग गया कि मासूम ने दम तोड़ दिया। परिजनों की मुसीबत यही खत्म नहीं हुई, मौत के मासूम के शव को घर ले जाने के इधर-उधर भटकना पड़ा। वैसे तो स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लाख दावें होते हैं, लेकिन ऐसी खबरों से लगता है कि अब स्वास्थ्य व्यवस्था को भी इलाज की जरूरत है।
Girl dies due to lack of treatment मिली जानकारी के अनुसार पूरा मामला शिवपुरी के जिला अस्पताल का है। ग्राम गुर्जन निवासी मनीषा आदिवासी अपनी 11 माह की जुड़वां बच्चियों को लेकर अपने मायके ग्राम बरखेड़ी रक्षाबंधन मनाने आई थी। बरखेड़ी में शनिवार रात उसकी एक बेटी की तबीयत खराब हो गई। इलाज के लिए जब लुकवासा स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो वहां चिकित्सकीय स्टाफ ने बच्ची को उपचार प्रदान करने की बजाय कोलारस जाने की सलाह दी। कोलारस पहुंची को वहां से भी उन्हें शिवपुरी जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। रविवार की शाम 6 बजे जिला अस्पताल लेकर आई तो डॉक्टरों ने बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए भी पहले उससे कागजी खानापूर्ति पूरी करने के लिए कहा। “उसे एक घंटा तो पर्चा बनवाने में लग गया। उस समय तक डॉक्टरों ने उसकी बच्ची को देखा तक नहीं। जब वह पर्चा बनवा कर लौटी तब तक बच्ची ने दम तोड़ दिया।
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हैरानी के बाद तो यह है कि जब बच्ची की मौत हो गई तो उसे वापस ले जाने के लिए बच्ची की मां को सिस्टम से दो-चार होना पड़ा। शव को घर ले जाने एंबुलेंस या शव वाहन तक नहीं मिला। आसपास मौजूद लोगों ने आपस में कुछ रुपए जोड़कर बच्ची के शव को घर ले जाने से लिए वाहन की व्यवस्था की। यह पूरा मामला स्वास्थ्य विभाग पर कई सवाल खड़े करता है।
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