Former CM Uma Bharti in protest : भोपाल। राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल पारित होने के बाद अब इस मुद्दे को लेकर मध्यप्रदेश की सियासत थम नहीं रही है। बिल के विरोध में एक्टिव पूर्व सीएम उमा भारती एक बड़ा बयान सामने आया है। बगावती सुर में उमा भारती ने कहा कि प्रदेशभर के पिछड़ा वर्ग के नेताओं को जुटाकर अपनी ही पार्टी का विरोध कर रही हैं। 23 सितंबर को उमा ने पिछड़े वर्ग के नेताओं की बैठक बुलाई है। बिल में पिछड़ा वर्ग और ओबीसी महिलाओं के लिए अलग प्रावधान की मांग कर रही हैं।
उमा भारती ने भोपाल स्थित अपने निवास पर प्रसेवार्ता कर बताया कि देवेगौड़ा जी के समय महिला आरक्षण का बिल पेश किया गया था। उस समय मैंने कहा था कि एससी-एसटी की महिलाओं का भी प्रावधान किया जाए, जिसके बाद बिल रुक गया था। मैंने सुझाव दिया था कि मंडल कमीशन के आधार पर आरक्षण मिले। उन्होंने कहा, मैंने पार्टी के हर मंच पर ये मुद्दा उठाया है, जिस पर अटल और आडवाणी जी का भी समर्थन मिला है। जब ये खबर पक्की हुई कि आज महिला आरक्षण बिल पेश होगा तो मैंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर ओबीसी आरक्षण की बात कही थी। मैंने पीएम को लिखा था कि अगर आज ये प्रावधान नहीं हुआ तो मैं खुले आम इसका विरोध करूंगी।
Former CM Uma Bharti in protest : दरअसल, मध्य प्रदेश की राजनीति में कई ऐसे मौके आए हैं, जब उमा भारती की नाराजगी खुलकर सामने आई है। पिछली बार उनकी नाराजगी तब सामने आई, जब बीजेपी ने उन्हें जन आशीर्वाद यात्रा के लिए न्योता नहीं भेजा था। उन्होंने कहा था कि अगर आप (बीजेपी) उन नेताओं के वजूद को पीछे धकेल देंगे, जिनके दम पर पार्टी का वजूद खड़ा है, तो आप एक दिन खुद खत्म हो जाएंगे। साथ ही कहा था कि अगर अब मुझे न्योता मिला, तो भी इस यात्रा में नहीं जाऊंगी।