भोपाल : face to face madhya prdesh : मध्यप्रदेश में मौसम किसानों से रुसवा है और रुसवाई ऐसी कि अन्नदाता को खून के आंसू रुलाने पर आमादा है। जिन खेतों में किसानों ने एड़ी-चोटी एक कर अपने अरमान बोए थे और सपनों की फसल की उम्मीद लगाए बैठे थे, वे तमाम अरमान और सपने आंखों से सैलाब बनकर बह गए। सरकार ने आंसू पोंछने के लिए हाथ बढ़ाएं हैं लेकिन विपक्ष उसे नाकाफी बता रहा है।
face to face madhya prdesh : मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत बर्बाद कर दी.. खेतों में खड़ी गेहूं, प्याज और तरबूज की फसल चौपट होने से अन्नदाता की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सरकार नुकसान का सर्वे करा रही है लेकिन तहसीलदार आंदोलन पर हैं। ऐसे में कांग्रेस को सरकार पर सवाल उठाने का मौका मिल गया है। कांग्रेस विधायक गेहूं की खराब फसल लेकर विधानसभा भी पहुंच गए और सरकार से मुआवजे की मांग की।
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face to face madhya prdesh : किसानों की परेशानी पर प्रदेश सरकार भी गंभीर है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बैठक कर अधिकारियों को ट्रांसपेरेंसी के साथ सर्वे के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 5 दिन के अंदर सर्वे पूरा कर लिया जाएगा और सभी प्रभावित किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने किसानों के लिए कभी कुछ किया ही नहीं।
face to face madhya prdesh : चुनावी साल में दोनों ही पार्टियां खुद को सबसे बड़ा किसान हितैषी बता रही हैं। एक ओर कुदरत का कहर है तो दूसरी ओर राजनीति की लहर है। ऐसे में सवाल ये है कि किसानों को मिलेगी पूरी राहत या जारी रहेगी सियासत ?