Reported By: Nasir Gouri
, Modified Date: March 13, 2024 / 07:00 PM IST, Published Date : March 13, 2024/7:00 pm ISTWater Crisis in Gwalior : ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में गर्मी शुरू होने से पहले ही जिले में जलसंकट की आहट सुनाई देने लगी है। इसके चलते कलेक्टर ने शहरी ओर ग्रामीण क्षेत्र में निजी नलकूप खनन पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए है। अब जिले में कोई भी बोरिंग मशीन बिना अनुमति के न तो प्रवेश कर सकेगी ओर न ही नलकूप खनन होगा। कोई व्यक्ति निजी तौर पर नलकूप खनन कराते पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। क्योकि अब ग्वालियर का तिघरा डेम सूख गया है। महज 31 जुलाई तक के लिए उसके अंदर पानी बचा है, जिसे ग्वालियर की 80 फीसदी आबादी को सप्लाई करना है।
ग्वालियर शहर में जलसंकट की आहट अब सुनाई देने लगी है और शहरवासी भी चिंतित नजर आ रहे है। हालांकि इसको लेकर अब अधिकारी भी भागदौड़ करने लगे हैं, लेकिन यही भागदौड़ उस समय की जाती जब ककैटो, अपर ककैटो, पेहसारी व तिघरा डैम बारिश के पानी से तेजी से भर रहे थे और सभी डैम भरे हुए हुए थे तो शायद यह स्थिति नहीं बनती। वर्तमान में तिघरा डैम में जहां 35 प्रतिशत पानी बचा हुआ है, ककैटो व पेहसारी डैम में भी कम पानी है। लेकिन निगम के अफसरों का दावा कि है पानी लिफ्ट कर लिया जाएंगा।
ग्वालियर शहर के कई क्षेत्र में एक साल के दौरान 15 से 20 फीट जलस्तर गर्मी शुरू होते ही गिर गया है। जिसके बाद शहरी व ग्रामीण क्षेत्र, नगर निगम सीमा के 1 से 66 वार्ड, गांव, कस्बा व तहसील क्षेत्र में आगामी आदेश तक के लिए नलकूप खनन पर लगाई गई है। हालांकि फरवरी के तीसरे सप्ताह से एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई की जा रही है। अब निजी नलकूपों का खनन करने पर प्रतिबंध लगाए जाने से ऐसे क्षेत्र में जलसंकट हो सकता है, जहां तिघरा की सप्लाई नहीं है।
पीएचई अफसरों के अनुसार तिघरा जलाशय में 31 जुलाई तक के लिए पानी है। बहरहाल ग्वालियर शहर में इस साल बारिश भी कम हुई है। शहर में 724 मिमी बारिश हुई है। जबकि पहले 800 मिमी से अधिक शहर में बारिश होती थी। अल्प वर्षा होने के कारण भी जलसंकट खड़ा हो सकता है।
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