बाघ अभयारण्य में हाथियों की मौत ‘सरकार की ओर से की गई हत्या’, मंत्री इस्तीफा दें : मप्र कांग्रेस

बाघ अभयारण्य में हाथियों की मौत 'सरकार की ओर से की गई हत्या', मंत्री इस्तीफा दें : मप्र कांग्रेस

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  • Publish Date - November 5, 2024 / 04:37 PM IST,
    Updated On - November 5, 2024 / 04:37 PM IST

भोपाल, पांच नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य (बीटीआर) में दस हाथियों की मौत ‘सरकार द्वारा की गई हत्या’ है और राज्य के वन मंत्री रामनिवास रावत के इस्तीफे की मांग की।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार पर तीखा हमला करते हुए हाथियों की मौतों की सीबीआई या न्यायिक जांच कराने की मांग की।

उमरिया जिले में बीटीआर के खलील रेंज के अंतर्गत सांखनी और बकेली में 29 अक्टूबर को चार जंगली हाथी मृत पाए गए थे जबकि 30 अक्टूबर को चार और 31 अक्टूबर को दो हाथियों की मौत हो गई थी।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मौतों के संबंध में एक उच्च स्तरीय जांच दल द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद लापरवाही के आरोप में बीटीआर के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया।

पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, ‘दस हाथियों की मौत दुर्घटना नहीं थी। उन्हें जहर दिया गया था। उन्हें किसने जहर दिया, यह जांच का विषय है, लेकिन सरकार और वन विभाग दोषी हैं। ये सरकारी हत्याएं हैं।’

उन्होंने दावा किया कि कई हाथियों की मौत की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।

पटवारी ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में मध्य प्रदेश में लगभग 140 बाघों की मौत हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि सरकार को राज्य के वन मंत्री रामनिवास रावत को जिम्मेदार ठहराते हुए उनसे इस्तीफा लेना चाहिए।

पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री वन मंत्री रावत का इस्तीफा लें या फिर विजयपुर के मतदाता 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में उन्हें (रावत को) हटा देंगे।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता नाथ ने कहा कि बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में दस हाथियों की मौत को लगभग एक सप्ताह हो गया है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार मौत का कारण स्पष्ट नहीं कर पाई है, अपराधियों को पकड़ना तो दूर की बात है।

उन्होंने दावा किया कि राज्य की जांच एजेंसियां ​​या तो अकुशल हैं या उनके पास मौतों की उचित जांच करने की सुविधाएं नहीं हैं।

नाथ ने कहा, ‘ऐसे में मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव जी से अपील करता हूं कि दस हाथियों की मौत की या तो सीबीआई जांच या न्यायिक जांच के आदेश दें। निष्पक्ष जांच न होने से जंगली जानवर खतरे में रहेंगे और जो लोग इसके पीछे हैं वे सुरक्षित महसूस करेंगे। वे ऐसे अपराधों को दोहराने का दुस्साहस करेंगे।’

भाषा

शुभम माधव

माधव