Tantrik University Ka Itihas : भारत को रहस्यों से भरा देश कहा जाता है। यहां कई ऐसे रहस्यमयी मंदिर हैं जो अपनी चमत्कारी शक्तियों से देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। दूर-दूर से लोग आकर इन मंदिरों में दर्शन करते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं। ऐसा ही एक अनोखा और चमत्कारी मंदिर है मुरैना में जिसे तांत्रिकों की यूनिवर्सिटी भी कहा जाता है। मुरैना जिले में मितावली गांव में स्थित चौसठ योगिनी मंदिर है। यह एक प्राचीन है और तंत्र विद्या के लिए प्रसिद्ध है। आगे जानेंगे की क्या है चौसठ योगिनी मंदिर में ऐसा खास और क्यों कहा जाता है इसे तांत्रिकों की यूनिवर्सिटी?
Tantrik University Ka Itihas : इस मंदिर को इकंतेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। चौसठ योगिनी मंदिर का 1323 ई. में कच्छपघाट राजा देवपाल ने निर्माण करवाया था। यह मंदिर गोलाकार संरचना वाला है, कहा जाता है की पुराने संसद भवन की संरचना चौसठ योगिनी मंदिर से मिलती है। यहां 64 कमरों हैं और इन सभी 64 कमरों में भगवान शिव के भव्य शिवलिंग के साथ योगिनी माता की मूर्तियां भी स्थापित हैं। इन 64 मूर्तियों में से कुछ मूर्तियां चोरी हो चुकी हैं। चौसठ योगिनी मंदिर तक पहुंचने के लिए 200 सीढ़ियां चढ़ कर जाना पड़ता है।
पूरे भारत में कुल चार चौसठ योगिनी मंदिर हैं। जिसमें से दो ओडिसा में हैं और दो मध्यप्रदेश में हैं। वहीं चौसठ योगिनी मंदिर को देश के महत्वपूर्ण तंत्रिक जगहों में से एक माना जाता है। तंत्र और तांत्रिक का नाम सुनकर अक्सर लोगों के दिमाग में नकारात्मक छवि बनती है लेकिन, यह जानना जरूरी है की तंत्र कई प्रकार के होते हैं। तामसिक भी और सात्विक भी, महत्व रखता है तो तंत्र करने के पीछे का इरादा। तंत्र से लोगों का भला भी किया जा सकता है और बुरा भी। एक समय में चौसठ योगिनी मंदिर में देश-विदेश से लोग तंत्र साधना सिखने आते थे, जिस वजह से इसे तांत्रिकों की यूनिवर्सिटी कहा जाता है।
यहां पर तांत्रिक योगिनी पूजा और तंत्र विद्या की गहन साधना किया करते थे। यहां साधक तंत्र क्रियाओं के साथ 64 योगिनी की शक्तियों को जागृत करने के लिए भी घोर साधना करते हैं। कहा जाता है की यहां सही तरीके से की गई साधना कभी विफल नहीं होती है। चौसठ योगिनी मंदिर के बारे में यह मान्यता है की यह मंदिर भगवान शिव की तंत्र साधना कवच से घिरा हुआ है। यहां रात को किसी को भी रुकने की अनुमति नहीं है। शाम पांच बजे के बाद न तो यहां कोई इंसान रुक सकता है न ही कोई जानवर।
चौसठ योगिनी माता को मां काली का अवतार माना गया है। 64 योगिनी का वर्णन कई ग्रंथो, पुराणों और मां काली की चालीसा में मिलता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कालिका माता ने घोर नाम के एक दैत्य का वध करने के लिए 64 योगिनी के अवतार लिए।