(e-rickshaw ) : भोपाल – शहर में ई-रिक्शा का मनमाना संचालन समस्या बनता जा रहा है। ई-रिक्शा का पंजीयन चालक के अतिरिक्त तीन सवारियों की बैठक क्षमता के लिये होता है। नियमों के अनुसार ई रिक्शा में तीन से अधिक सवारियां नहीं बैठानी चाहिए,लेकिन शहर में ई-रिक्शा चालक पांच से सात सवारियां बैठाकर मार्गों पर दौड रहे है। इतना ही नहीं ई-रिक्शा का परमिट की व्यवस्था न होने शहर में दो हजार से अधिक ई रिक्शा चल रहे है जिनमें से आधे तो बिना पंजीयन ही सडकों पर दौड रहे है। परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के अधिकारी इस समस्या को बढने की बजाए मौन साधे हुए हैं।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<<
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e-rickshaw : परिवहन के प्रदूषण रहित साधन होने के नाम पर जो छूट ई रिक्शा को दी गई थी, अब वह शहर के लिये फंदा बनती जा रही है। दरहसल ई रिक्शा संचालन के लिये चालकों को किसी रूट का परमिट नहीं लेना होता। यह व्यवस्था इसलिए की गई है,क्योंकि इन्हें शहर के परिवहन साधन सिटी बस, मिनी बस, या मुख्य मार्ग के रिक्शों तक पहुंचने के फिडर के रूप में उतारा जाता है, लेकिन ई रिक्शा चालक अंदरूनी मार्गो के बजाए मुख्य मार्ग पर रफ््तार से ओवरलोड चलकर यातायात धीमा और कई जगह तो रोकने का कारण बन रहे है।
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2019-2020ः 66
2020-2021ः 430
2021-2022ः 1212
e-rickshaw : शहर में ई रिक्शा की संख्या लगातार बढती जा रही है,यह परमिट वाले मार्गों पर बिना परमिट के दौड रहे है। कई जगह तो नाबालिक ई रिक्शा चला रहे है। कम चैडाई और अधिक ऊँचाई वाले ई रिक्शा का संतुलन खराब होता है तो छोटे से गड््ढे में पलट जाते है। ऐसे में ई रिक्शा को भीपंजीयन,फिटनेश और परमिट के साथ ही नियामानुसार चलने की अनुमति मिलनी चाहिए।