Dussehra Special : मायके से ससुराल विदा हुईं मातारानी..! बंगाली समाज ने निभाई सिंदूर खेला की प्राचीन परंपरा, धनुची नृत्य कर दी मां दुर्गा को विदाई

Dussehra of Bengali community in Jabalpur: आज बंगाली समाज ने भी माता को अपनी प्राचीन परंपराएं निभाकर विदाई दे दी।

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  • Publish Date - October 24, 2023 / 03:14 PM IST,
    Updated On - October 24, 2023 / 03:14 PM IST

Dussehra of Bengali community in Jabalpur : जबलपुर। आज पूरे देश में दशहरे की धूम है। तो वहीं आज मां दुर्गा को नम आंखों से विदाई दी जाएगी। बंगाल की नवरात्रि देश दुनिया में जानी जाती है। गाली समाज में नवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। नौ दिन माता की आराधना के बाद आज बंगाली समाज ने भी माता को अपनी प्राचीन परंपराएं निभाकर विदाई दे दी।

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Dussehra of Bengali community in Jabalpur : जबलपुर के सिटी बंगाली क्लब में दशहरे के दिन सिंदुर खेला की परंपरा निभाई गई जिसमें महिलाओं ने माता को सिंदूर लगाया और आपस में सिंदूर लगाकर माता की आराधना में परंपरागत धनुची नृत्य भी किया। बंगाली समाज में मान्यता है कि मां दुर्गा नवरात्रि के दौरान मायके आती हैं और 10 दिन रुकने के बाद फिर वापस सुसराल जाती हैं। मां के रुकने के उपलक्ष्य में दुर्गा पूजा के उत्सव मनाया जाता है।

 

10वें दिन माता पार्वती अपने घर भगवान शिव के पास कैलाश पर्वत पर चली जाती हैं। जिस तरह बेटियों की विदाई के समय खाने पीने और अन्य चीजों की भेंट दी जाती है, ठीक उसी प्रकार माता को भी पोटली दी जाती है, जिसमें खाने की चीजें और श्रृंगार का सामाना रखा जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कैलाश पर्वत पर पहुंचने के रास्ते में माता को खाने पीने की कोई समस्या ना हो।

 

(जबलपुर से विजेंद्र पांडेय की रिपोर्ट)

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