भोपालः Dubai businessman digitally arrested in Bhopal मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों में डिजिटल हाउस अरेस्ट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अलग-अलग हिस्सों से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इसी बीच अब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दुबई के बिजनेसमैन को साइबर क्रिमिनल ने 7 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर लिया। बिजनेसमैन को साइबर ठग खुद को पुलिस बता रहे थे। दोनों आरोपी उससे पैसे ऐंठ पाते, इतने में कारोबारी के कमरे में सीधे साइबर पुलिस आ गई और कारोबारी को करोड़ों रुपये का नुकसान होने से बचा लिया है। यह पहला मामला जब असली पुलिस डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड पीड़ित को छुड़ाने पहुंची थी।
Dubai businessman digitally arrested in Bhopal मिली जानकारी के अनुसार पूरा मामला राजधानी भोपाल के अरेरा कॉलोनी का है। यहां के रहने वाले विवेक ओबेरॉय दुबई में कॉपोरेट सेक्टर में बिजनेसमैन हैं। उन्हें शनिवार को एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया। शख्स ने कारोबारी से कहा कि उनके आधार कार्ड की मदद से कई बैंक अकाउंट खोले गए हैं और उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल संदिग्ध गतिविधियों के लिए सिम कार्ड खरीदने के वास्ते भी किया गया है। साइबर अपराधियों ने ओबेरॉय को स्काइप वीडियो कॉलिंग ऐप डाउनलोड कर उन्हें एक कमरे में रहने को कहा। जब कारोबारी को डिजिटल अरेस्ट किया गया उसी वक्त उसने मध्यप्रदेश साइबर पुलिस को सूचित कर दिया। डिजिटल अरेस्ट के दौरान ही पुलिस वहां पहुंच गई। वीडियो कॉल के जरिए कारोबारी को डिजिटल अरेस्ट किए दोनों फ्रॉड असली पुलिस को देखकर पहले तो सक-पका गए, फिर कहने लगे, ‘यह सीबीआई की कार्रवाई है, आप हमें जानते नहीं हैं, बीच में नहीं आइए।’ पुलिस ने जब फर्जी कानून प्रवर्तन अधिकारियों को अपनी पहचान बताने के लिए कहा तो अपराधियों ने वीडियो कॉल काट दी।
एमपी साइबर सेल के डीजी योगेश देशमुख ने आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर ये साइबर अपराधी है, जो मॉडसऑपरेंडी अपना रहे हैं, यह वर्चुअल नंबर उपयोग कर रहे हैं। स्काइप के माध्यम से वीडियो कॉल करके सीबीआई अधिकारी बन जाते हैं। ED के अधिकारी बन जाते हैं। पूरा माहौल ऐसा बनाते हैं कि वह सीबीआई ईडी के दफ्तर में बैठे हो जहां बैठे होते हैं। वहां सीबीआई का मोनो लगा देते हैं। इस अपराध से बचने के तरीके पर उन्होंने कहा कि हम लगातार इनसे बचने के लिए एडवाइजरी जारी कर रहे हैं। जहां तक की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने तक सभी को सुझाव दिया है। समझाइश दी है कि डिजिटल अरेस्ट नाम का कुछ नहीं होता है। इस किसी से घबराने की जरूरत नहीं है। यदि ऐसा कुछ होता है तो संबंधित एजेंसियों के पास खुद जाइए किसी को अपनी पर्सनल जानकारी अकाउंट नंबर देने की जरूरत नहीं है।