Drought situation in MP: इस साल बहुत कम गिरा पानी, प्रदेश के 53 में से 45 जिलों में सूखा, यहां देखें सूखें बांधों की जानकारी

Drought situation in MP मध्य प्रदेश में इस साल पर्याप्त बारिश न होने के चलते कई जिले सूखे की चपेट में आ गए है

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  • Publish Date - September 4, 2023 / 12:58 PM IST,
    Updated On - September 4, 2023 / 01:09 PM IST

Drought situation in MP: भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून की अच्छी बारिश न होने से राज्य में सूखे के हालात बनने लगे हैं। प्रदेश पानी के लिए तरसने लगा है। सूखती फसलों को देखकर हुए जहां किसान सहम गए हैं, वहीं सरकार भी सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार शाम को अधिकारियों और मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई थी। इस बैठक में अधिकारियों ने प्रदेश में बारिश की स्थिति, बांधों में जल स्तर, बिजली की व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री को जानकारी दी थी।

सूखे पर राजनीति

Drought situation in MP: मध्य प्रदेश में मानसून की अच्छी बारिश न होने से राज्य में सूखे के हालात बनने लगे हैं, अब तो इस पर सियासत भी तेज हो चली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जहां मौजूदा हालात को 50 साल के सबसे बुरे हालात का हवाला दिया तो कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने इसे चालबाजी करार दिया है। तो चलिए आज आपको बताते है कि मध्य प्रदेश के किन जिलों में सूखे के हालत बन रहे है।

इस बार एक भी बांध 100% नहीं भरा

Drought situation in MP: मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के 53 में से 45 जिलों में सूखे के हालात बन रहे है। 27 जिलों में इस साल 46 प्रतिशत कम बारिश हुई जिसते चलते सूखे की स्थिति बनी हुई है। बड़ी बात तो ये है कि इस साल प्रदेश के 52 बांधो में एक भी डेम अभी तक 100 प्रतिशत नहीं भरा है। प्रदेश के 36 बांध बारिश के मौसम में 25 प्रतिशत खाली पड़े थे।

सूखे की चपेट में जिले

Drought situation in MP: प्रदेश के कई हिस्सों में मक्का, सोयाबीन और तुअर की फसल सूखने की कगार पर है। अगले एक हफ्ते अगर बारिश नहीं हुई तो सतना, अशोकनगर, मंदसौर, खरगोन, खंडवा, भोपाल, सीधी, गुना, शाजापुर और रीवा सूखे की चपेट में आ जायेंगे। इसके इतर विंध्य और बुंदेलखंड में सबसे बुरे हालात है। प्रदेश में अगस्त में इस बार दो बार करीब 21 दिन तक मानसून ब्रेक रहा, सिर्फ आठ दिन ही पानी गिरा। इस कारण अधिकांश जिलों में सूखे के हालात बने है।

कई सालों के टूटे रिकॉर्ड

Drought situation in MP: इस बार भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन में तो 11 साल में सबसे कम बारिश हुई है। प्रदेश में 1 जून से 31 अगस्त तक ओवरऑल 26.05 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 30.81 इंच बारिश होनी चाहिए थी। प्रदेश में 15% कम बारिश हुई है। अगस्त महीने में 7.94 इंच पानी गिरा है, जबकि 13.15 इंच बारिश होनी चाहिए थी। इस हिसाब से करीब 40% पानी कम गिरा है।

इन जिलों में कम गिरा पानी

Drought situation in MP: भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, आगर-मालवा, अलीराजपुर, अशोकनगर, बड़वानी, बैतूल, बुरहानपुर, दतिया, देवास, धार, गुना, हरदा, झाबुआ, खरगोन, खंडवा, मंदसौर, मुरैना, नर्मदापुरम, नीमच, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, सीहोर, शाजापुर, श्योपुरकलां, शिवपुरी, विदिशा, बालाघाट, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सतना, सागर, सिवनी, शहडोल, सीधी, सिंगरौली और टीकमगढ़ इन जिलों में पानी बहुत कम मात्रा में गिरा है। शाजापुर, नीमच, उज्जैन, राजगढ़, मंदसौर, खंडवा और आगर-मालवा जिलों में 80% तक कम पानी गिरा है।

सितंबर में मानसून से उम्मीद

Drought situation in MP: एमपी मौसम विभआग की माने तो 4 से 5 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम एक्टिव हो रहा है। जिसके चलते 6 से 7 सितंबर तक लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो सकता है। इससे पूर्वी हिस्से में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। यह सिस्टम 18 से 19 सितंबर तक एक्टिव रह सकता है।

मध्यप्रदेश के बड़े बांधो की स्थिति

– बरगी जबलपुर 6 प्रतिशत खाली
– इंदिरा सागर खंडवा बांध 12.5 प्रतिशत खाली।
– कोलार सीहोर बांध 29 प्रतिशत खाली।
– तवा होशंगाबाद बांध 9.3 प्रतिशत खाली।
– गांधी सागर मंदसौर डेम 32. 5 प्रतिशत खाली।
– कलियासोत बांध भोपाल 30 प्रतिशत खाली।
– केरवा भोपाल डेम 36. 3 प्रतिशत खाली।
– राजघाट अशोकनगर बांध 15.5 प्रतिशत खाली।
– हलाली विदिशा डेम 55 प्रतिशत खाली।
– बाणसागर शहडोल 17.1 प्रतिशत खाली।

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