Kamalnath on OBC Reservation

Kamalnath on OBC Reservation : 27% आरक्षण लागू करवाने के खुल गए दरवाजे.. हाईकोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका, कमलनाथ ने बीजेपी सरकार को लेकर ​कही ये बात

Kamalnath on OBC Reservation : 27% आरक्षण लागू करवाने के खुल गए दरवाजे.. हाईकोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका, कमलनाथ ने बीजेपी सरकार को लेकर ​कही ये बात | MP Latest News

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Modified Date: January 29, 2025 / 02:52 PM IST
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Published Date: January 29, 2025 2:52 pm IST

जबलपुर। Kamalnath on OBC Reservation : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के राज्य शासन के निर्णय को चुनाैती दी गई थी। अब इस मामले में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का बयान सामने आया है। कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें राज्य शासन द्वारा प्रदेश में 27% ओबीसी आरक्षण देने के फैसले का विरोध किया गया था। यह कांग्रेस पार्टी की नीतियों की जीत है। मार्च 2019 में मैंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में मध्य प्रदेश के ओबीसी समुदाय को 27% आरक्षण देने का प्रावधान किया था।

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हाई कोर्ट के फैसले ने मेरी तत्कालीन सरकार के निर्णय को एक बार फिर सही साबित किया है। अब मध्य प्रदेश सरकार को तत्काल सभी स्तर पर 27% ओबीसी आरक्षण देना सुनिश्चित करना चाहिए। ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा ने हमेशा षड्यंत्रकारी रवैया अपनाया है। अगर पिछले 6 साल की घटनाक्रम को देखें तो यह बात और ज्यादा स्पष्ट हो जाती है।

मार्च 2019 में मेरी तत्कालीन सरकार ने प्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण देने का फैसला किया। 19 मार्च 2019 को हाईकोर्ट ने पोस्टग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज के लिए 27% ओबीसी आरक्षण पर स्थगन दिया। यहां उल्लेखनीय है कि स्थगन सिर्फ कुछ नौकरियों के लिए था। ओबीसी के 27% रिजर्वेशन की सभी बाधाओं को दूर करने के लिए जुलाई 2019 में मेरी सरकार ने विधानसभा से 27% ओबीसी आरक्षण का कानून भी पास कर दिया था।

 

यह मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग के प्रति लिया गया सबसे बड़ा और ऐतिहासिक फैसला था। लेकिन बाद में मेरी सरकार को षडयंत्रपूर्वक गिरा दिया गया और मार्च 2020 में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी। भाजपा सरकार ने ओबीसी के खिलाफ षड्यंत्र शुरू किया। हाई कोर्ट का आदेश सिर्फ कुछ पदों पर लागू होना था लेकिन भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में सभी जगह यह आदेश लागू कर 27% आरक्षण की हत्या कर दी।

 

18 अगस्त 2020 को भाजपा सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने उच्च न्यायालय में यह मत दिया कि 14% आरक्षण के साथ ही सभी सरकारी विभागों में भर्तियां की जाएं। यह ओबीसी वर्ग के साथ खुला षड्यंत्र था। जनवरी 2021 में बीजेपी सरकार ने हाई कोर्ट में आवेदन दिया की 14% आरक्षण के साथ ही भर्तियां कर ली जाएं और 13% आरक्षण को होल्ड पर रखा जाए। भाजपा सरकार के इस अभिमत के बाद जुलाई 2021 को हाईकोर्ट ने 14% ओबीसी आरक्षण के साथ भर्ती करने का और 13% आरक्षण को होल्ड करने का आदेश दिया।

 

लेकिन अब माननीय उच्च न्यायालय ने 28 जनवरी 2025 के अपने आदेश में 27% आरक्षण के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका खारिज होने के साथ ही प्रदेश में 27% आरक्षण लागू करवाने के दरवाजे खुल गए हैं। मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि तुरंत सभी भर्तियों में 27% ओबीसी आरक्षण लागू करने के प्रावधान किए जाएं। मैंने और कांग्रेस सरकार ने ओबीसी को जो 27 प्रतिशत आरक्षण का अधिकार दिया था उसे सुनिश्चित करना वर्तमान राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

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कमलनाथ ने 27% ओबीसी आरक्षण के बारे में क्या कहा?

कमलनाथ ने कहा कि 27% ओबीसी आरक्षण पर हाईकोर्ट का फैसला कांग्रेस की नीतियों की जीत है और उन्होंने मुख्यमंत्री से इस आरक्षण को जल्द लागू करने की अपील की।

क्या मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 27% ओबीसी आरक्षण के फैसले को सही ठहराया?

हां, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें 27% ओबीसी आरक्षण के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिससे ओबीसी आरक्षण को लागू करने के रास्ते खुल गए हैं।

कमलनाथ ने 27% ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा पर क्या आरोप लगाए?

कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा ने ओबीसी आरक्षण को लागू करने में कई अड़चनें डालीं और उच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण के खिलाफ षड्यंत्र किया।

27% ओबीसी आरक्षण कब लागू किया गया था?

27% ओबीसी आरक्षण को मार्च 2019 में कमलनाथ की सरकार ने लागू किया था, और इसे जुलाई 2019 में विधानसभा से कानूनी रूप से पास भी किया गया था।

मध्यप्रदेश सरकार को अब क्या कदम उठाना चाहिए, कमलनाथ के अनुसार?

कमलनाथ के अनुसार, अब मध्यप्रदेश सरकार को सभी भर्तियों में 27% ओबीसी आरक्षण लागू करना चाहिए, जैसा कि उनकी सरकार ने प्रस्तावित किया था।
 
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