देवास। हाल ही में एक मामला पूरे देश में बहुत चर्चा में आया है, जहां सफाई कर्मचारी द्वारा अपनी पत्नी को पढ़ाई में सहयोग करते हुए उसे एसडीएम पद तक पहुंचाया। महिला एसडीएम बनी तो दूसरे व्यक्ति के अफेयर चक्कर में पति को छोड़ दिया। यह बात सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा का विषय बनी हुई है, लेकिन बागली के बेहरी क्षेत्र लखवाडा पंचायत के आरिया में बहुत ही मार्मिक कहानी घट गई।
पत्नी ने बर्तन मांजकर पति को पढ़ाया
इस कहानी में यहां की रहने वाली ममता बाई ने 2017 में कम पढ़े-लिखे पुरुष से शादी की फिर महिला ने बेरोजगार पति को नौकरी के लिए परीक्षाओं की तैयारी कराते हुए उसकी हर जरूरत को पूरा किया। समय काल में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में पूरा-पूरा सहयोग दिया। इसके लिए महिला ने घर-घर जाकर लोगों के यहां साफ-सफाई की, बर्तन मांजा, यहां तक की शाकाहारी होने के बावजूद भी मांस की दुकान पर काम कर पति को पढ़ाया। पति ने लगभग 10 से 12 बार विभिन्न नौकरियों के लिए परीक्षा दी जिसकी फीस लाखों रुपए बनती है वह भी महिला ने चुकाई।
नौकरी मिलते ही दूसरी महिला के चक्कर में पड़ा पति
पति को 2019 में मेहनत का फल मिला और संबंधित व्यक्ति की सेल टैक्स ऑफिसर की नौकरी मिल गई। उसके बाद धीरे-धीरे उक्त पति ने अपनी कामकाजी महिला को ध्यान देना बंद किया और दूसरी महिला के चक्कर में आकर इस महिला को 4 वर्ष शादीशुदा जिंदगी बीतने के बाद छोड़ दिया। बात आगे तक बढ़ी तो महिला ने मदद की गुहार लगाते हुए शासन-प्रशासन सभी को पत्र लिखे। यहां तक कि केस भी दर्ज कराया। वर्तमान में उस पति ने दूसरी शादी कर अपना घर बसा लिया है। इस महिला को भरण पोषण के लिए 1200 रुपये भी नहीं दे रहा है। महिला का कहना है कि उसने जो गलती की, कि अपने कम पढ़े-लिखे पति को पढ़ा लिखा कर काबिल बनाया उसका नतीजा आज उसे भुगतना पड़ रहा है।
दरअसल, बागली क्षेत्र की रहने वाली महिला ममता बाई को कमरू से प्यार हो गया। प्यार जब परवान चढ़ा तो माता-पिता की बगैर मर्जी से ममता बाई ने कमरू से शादी कर ली। शादी के वक्त बेरोजगारी के चलते कमरू कुछ भी कार्य नहीं करता था। ममता बाई स्वयं गृह कार्य कर और अन्य मजदूरी करके उसका भरण पोषण कर रही थी। इस बीच कमरु ने स्नातक कोर्स पूरा कर लिया और नौकरी की तलाश में भटकने लगा। इसी दौरान ममता बाई ने नौकरी के लिए आयोजित परीक्षाओं में अपने पति का फार्म डालना शुरू किया और उसकी जो भी फीस बनी वह अपनी मजदूरी से देती गई। परिणाम अच्छा हुआ और कमरू की नौकरी सेल टैक्स ऑफिसर के रूप में लग गई और उसने रतलाम में नोकरी ज्वाइन कर लिया। कुछ दिनों तक शादीशुदा जिंदगी का बेहतर बिता उसके बाद से कमरु ने अपना रंग दिखाना शुरू किया और धीरे-धीरे ममता बाई को प्रताड़ित करने के साथ-साथ दूसरी महिलाओं से संबंध बना लिए और आखिरकार ममता बाई को छोड़ दिया।
ममता बाई ने हमारे संवाददाता को बताया कि 6 माह पूर्व कमरू ने दूसरी शादी कर ली है। अभी भी ममता बाई अपने पैतृक निवास बागली में माता-पिता से अलग रह कर गुजर-बसर कर रही है। इस दौरान लव मैरिज करने वाला पति कमरू ममता बाई पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं शासन द्वारा निर्धारित भरण पोषण राशि भी नहीं पहुंचा रहा है। ममता बाई न्याय की उम्मीद लिए अभी भी कोर्ट के भरोसे बैठी हुई है। वास्तव में ममता बाई की हालत दयनिय है। उसके घर पक्की छत तक नहीं है, गरीबी के कारण ममता परेशान है। माता-पिता ममता को कहते हैं कि तेरी मर्जी से तूने शादी करी इसलिए परिणाम यही होना था। वह ताने सुनकर भी मोन रहती है, बस आंखों में आंसू लिए न्याय की गुहार करती है। ममता का साफ-साफ कहना है कि जिस पति ने उसे छोड़ा उसकी नौकरी भी शासन ने छीन लेना चाहिए और उसे न्याय मिलना चाहिए। IBC24 से मोहनीश वर्मा की रिपोर्ट