भोपाल : MP Nursing Scam: 4 साल पहले 2020 यानी कोरोना काल में शुरू हुए नर्सिंग घोटाले को लेकर हो रहे खुलासे से प्रदेश में हड़कंप मच हुआ है। इस नर्सिंग फर्जीवाड़े की मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से तुलना की जा रही है। इससे मध्यप्रदेश सरकार की छवि पर भी असर पड़ा है। ही वजह है कि सरकार अब कार्रवाई के मूड में नजर आ रही है। इसी बीच सरकार ने 73 डिफिसिएंट नर्सिंग कॉलेजों को सरकार की तरफ से डेडलाइन जारी की गई है। अगर कॉलेजों ने समय पर रिपोर्ट नहीं दी तो उनपर मान्यता रद्द कर दी जाएगी। 73 डिफिसिएंट नर्सिंग कॉलेज को अपनी रिपोर्ट नर्सिंग काउंसिल दफ्तर में 1 जून तक जमा करनी होगी।
MP Nursing Scam: बता दें कि, मध्य प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले की जांच CBI ने की थी। CBI की इस जांच में 73 नर्सिंग कॉलेज डिफिसिएंट पाए गए थे। CBI ने अपनी जांच में 308 कॉलेजों में 169 को सूटेबल,66 अनसूटेबल और 73 डिफिसिएंट पाए थे। 73 डिफिसिएंट कॉलेज को थोड़ी कमियां होने के कारण डिफिसिएंट कैटेगरी में रखा गया था। कॉलेजों के रिपोर्ट सौपने के बाद कामों के आधार पर फैसला लिया जाएगा।
बता दें कि, डेफिसिएंट कॉलेज की खामियां दूर करने के लिए सभी को 31 मार्च 2024 को निर्देश दिए गए थे। नर्सिंग घोटाले मामले का खुलासा होने के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश के बाद तीन सदस्य टीम ने निर्देश दिए थे।