Reported By: Kavi Chhokar
,सीहोर: Sehore News: मध्यप्रदेश के सीहोर जिला मुख्यालय पर पिता के निधन पर बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाते हुए मुखाग्नि दी। यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई। इन बेटियों ने श्मशान घाट पहुंचकर पिता की मुक्ति के लिए हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कराया। कुछ लोग इस दृश्य को देख फफककर रो पड़े। यह नजारा सीहोर के मंडी क्षेत्र के मुक्तिधाम में देखने को मिला। दरअसल, 50 वर्षीय सुशील शिवहरे मंडी जनता कालोनी के निवासी थे। उनका एक एक्सीडेेंट में निधन हो गया था। सुशील की तीन बेटियां हैं, बेटा नहीं है, इसलिए सुशील ने ही बेटों की तरह ही अपनी बच्चियों की परवरिश की है। अब उन्हीं बेटियों ने बेटों का फर्ज निभाया। बेटियों ने अपने पिता को हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार कियाएं कराई।
Sehore News: इस दौरान समाज के लोगों ने गर्व से कहा कि पुत्र ही सब कुछ नहीं होते हैं। बता दें कि कई लोग बेटियों का श्मशान घाट जाना वर्जित मानते हैं, लेकिन अब लोग पुरानी परंपराओं और मान्यताओं को तोडक़र आगे आ रहे हैं। इस तरह से बेटियों के हाथों पिता को मुखाग्रि देना दूसरे लोगों के लिए भी प्रेरणा है। बेटी इशां और कशिश ने बताया कि उनके पिता को अपनी बेटियों से काफी लगाव था। हमारा कोई भाई नहीं है। इस कारण बेटियों ने ही बेटे और बेटी दोनों का का फर्ज निभाने का फैसला लिया। पिता ही हमारा संसार थे। नाम के अनुरूप व्यवहार कुशल थे सुशील शिवहरे परिवार में 50 वर्षीय सुशील दूसरे नंबर के भाई हैं। वह गल्ला मंडी में गल्ला व्यवसायी थे। उनका जैसा नाम था, उनका व्यवहार भी सुशील और सबको स्नेह करने वाला था।
पिता को मुखाग्नि देने पहुंची बेटियां।
दृश्य देख श्मशान में रो पड़ा हर शख्स#MPNews | #MadhyaPradesh pic.twitter.com/4TTYpexZXT — IBC24 News (@IBC24News) January 19, 2025
Sehore News: गल्ला मंडी में सभी व्यापारी उनसे स्नेह करते थे। सुशील व्यवहार कुशल होने के साथ ही धार्मिक प्रवृत्ति के भी थे और लगभग हर माह धार्मिक यात्रा पर उज्जैन जाते थे। शनिवार को भी वह उज्जैन जा रहे थे, लेकिन दुघर्टना में उनकी मौत हो गई। उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में व्यापारी और इष्टमित्र और परिवार के लोग शामिल थे।