Dalit groom beaten up in Damoh: दमोह। देश में इन दिनों दलितों और आदिवासियों के साथ लगातार अत्याचार के मामले सामने आने लगे हैं। कादा मामला मध्यप्रदेश के दमोह जिले से सामने आया है, जहां गांव के ही दबंगों ने दलित समाज के दूल्हे से मारपीट की है। घटना में 3 लोग घायल बताए जा रहा हैं। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। कहा जा रहा है कि, दूल्हे बग्गी से बारात निकाल रहा था, इसी बात से दबंगों को नाराजगी थी।
यह मामला दमोह जिले के देहात थाना की जबलपुरनाका पुलिस चौकी के चौरई गांव का है, जहां बीते मंगलवार को एक दलित परिवार के यहां शादी थी। इस दौरान बारात में दूल्हे को घोड़े की बग्गी में बैठाकर घुमाया गया। दलित दूल्हे का घोड़े की बग्गी पर बैठना इलाके के दबंगों को नागवार गुजरा। इसके बाद बग्गी वाले को जमकर पीट दिया। ठाकुर समाज के लोगों ने क्षेत्र के तमाम बग्गी वालों को हिदायत दी थी कि किसी भी दलित को घोड़ी की बग्गी पर चढ़ाना मना है। इस कारण कोई भी बग्गी वाला दलितों को नहीं बैठाता था।
हालांकि, कुछ अन्य बड़े लोगों ने बग्गी वालों को मना लिया और उनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी ले ली। उनकी बातों में आकर बग्गी वाले ने दलित दूल्हे को बग्गी पर बैठाकर बारात लगवा दी। इसके बाद कुछ दंबगों ने नाराजगी दिखाई। नाराज दबंगों ने दूल्हे और बारात से तो कुछ नहीं कहा, लेकिन वापस लौटते ही घोड़े और बग्गी वाले युवकों की दौड़ा कर पिटाई कर दी। पीड़ित युवक पिटाई के बाद बचते बचाते पुलिस चौकी पहुंचे। पुलिस ने पिटाई से घायल युवकों को पहले इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा। इसके अगले दिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज किया और अब मामले की जांच की जा रही है।
बता दें कि, दमोह जिले के कुछ ग्रामीण इलाकों में अभी भी जात-पात और छुआ-छूत का बोलबाला है। यहां दलित दूल्हों को घोड़ी चढ़ने और बग्गी में बारात निकालने की मनाही है। यही वजह है कि जब घोड़ा बग्गी वाले इलाके के दबंगों की बात ना मानते हुए दलित दूल्हे की बारात बग्गी पर निकलवा दी तो ठाकुर समाज के लोग नाराज हो गए। फिलहाल, पीड़ितों ने देहात थाना की जबलपुरनाका पुलिस में शिकायत की है। चौकी प्रभारी ने कहा है कि सारे मामले की जांच हो रही है। जैसे तथ्य आयेंगे कार्रवाई की जाएगी।
दमोह में दलित समाज के दूल्हे के साथ मारपीट का कारण जातिगत भेदभाव बताया जा रहा है। घटना में बारात निकालने को लेकर कुछ असामाजिक तत्वों ने दूल्हे के साथ मारपीट की।
जी हां, पुलिस ने मामला दर्ज किया है और दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
सरकार और स्थानीय प्रशासन जातिगत भेदभाव और हिंसा रोकने के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं। साथ ही, पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कड़े कानून लागू किए जा रहे हैं।
इन घटनाओं का समाधान सामाजिक जागरूकता बढ़ाने, समानता की शिक्षा देने और कानून के सख्त पालन से हो सकता है।
इस घटना की समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा कड़ी निंदा की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।