खंडवा: Crowd of devotees gathered in Omkareshwar मां नर्मदा में स्नान कर दर्शन कर रहे श्रद्धालुओं के लिए पवित्र श्रावण माह का आज चतुर्थ सोमवार है। इस दिन शिव भक्त अपने भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करते हैं तथा भोले बाबा का ध्यान करते हैं। तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में भी चतुर्थ सोमवार के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं।
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्रोत के अनुसार बारह ज्योतिर्लिंगों में ओंकारेश्वर तथा ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग का संयुक्त रूप से चतुर्थ स्थान है। पुण्य सलिला मां नर्मदा से घिरे ॐ आकार के पर्वत पर बना यह अतिप्राचीन मंदिर भगवान शिव तथा माता पार्वती का शयन स्थान माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव दिनभर अखिल ब्रह्मांड में विचरण करते है, आवागमन करते, किंतु वह शयन ओंकार पर्वत पर ही करते है। यही कारण है, जो यहां भगवान ओंकारेश्वर की शयन आरती होती है।
Crowd of devotees gathered in Omkareshwar ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के पुजारी बैद्यनाथ जी ने बताया कि ओंकारेश्वर स्वयंभू शिवलिंग है तथा ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग है। राजा विंध्याचल ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था, जिसके बाद भगवान यहां ममलेश्वर रूप में विराजमान हुए। ममलेश्वर भगवान के दर्शन बिना ओंकार तीर्थ अधूरा माना जाता है।
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