Jabalpur News : प्रशासन के दावों की खुली पोल…! भारी बारिश में शव को जलाने की नहीं कोई व्यवस्था, तिरपाल लगाकर किया अंतिम संस्कार

Cremation of dead body amid rain in Jabalpur: बारिश नहीं रुकी तो परिवारजनों को तिरपाल (पन्नी) लगाकर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करना पड़ा।

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  • Publish Date - September 16, 2023 / 09:48 PM IST,
    Updated On - September 16, 2023 / 09:48 PM IST

(जबलपुर से IBC24 धरम गौतम की रिपोर्ट)

 

Cremation of dead body amid rain in Jabalpur : जबलपुर। जबलपुर के सिहोरा से मानवता को शर्मशार करने वाली एक तस्वीर सामने आई है जिसने शासन प्रशासन पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। जी हां हम ऐसा इसलिए कह रहे क्योंकि सिहोरा नगर पालिका के अंतर्गत वार्ड नंबर 9 में जिंदा इंसान तो दूर की बात मुर्दा लाश को भी सुकून नहीं है। दरअसल वार्ड नंबर 9 पहरेवा निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग पिक्कू लाल गोटिया का निधन हो गया था।

 

 

Cremation of dead body amid rain in Jabalpur : तमाम रिश्तेदारों के जुटने के बाद बुजुर्ग की अंतिम यात्रा निकली और अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट ले जाया गया। बरसते हुए पानी में जैसे तैसे बुजुर्ग की अंतिम यात्रा कीचड़ भरे रास्ते से शमशान तक तो पहुंच गई लेकिन लगातार हो रही बारिश से और शमशान में टीन शेड न होने की वजह से अंतिम संस्कार करना एक बड़ी चुनौती थी और जब अंत में बारिश नहीं रुकी तो परिवारजनों को तिरपाल (पन्नी) लगाकर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करना पड़ा।

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पन्नी लगाकर अंतिम संस्कार और कीचड़ भरे रास्ते से अंतिम यात्रा के निकलने का वीडियो जमकर वायरल हुआ और और अब पूरे मामले की जानकारी की गई तो पता चला की शमशान घाट पर तीन शेड बनाने का ठेका साल भर पहले हुआ था लेकिन ठेकेदार ने वह बनाया ही नहीं है जिसकी वजह से बारिश के मौसम में आमजन अपनी परिजनों का अंतिम संस्कार भी सुकून से नहीं कर पा रहे हैं, इस शमशान घाट में दो वार्डों के लोग अपने परिवार जनों के अंतिम संस्कार के लिए आते हैं।

 

वहीं मामले पर नगर पालिका के सीएमओ का कहना है कि ठेकेदार को इसके लिए बोला गया है और जल्द ही शमशान घाट में तीन शेड कंपलीट करने का काम शुरू करवाया जायेगा, बारिश खत्म होते ही शेड को तैयार कर दिया जाएगा। वहीं इस मामले पर नगरीय प्रशासन की बागडोर संभाल रहीं अपर कलेक्टर मिशा सिंह से भी बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। देखना यह होगा कि सिहोरा के इस शमशान घाट में कब टीन शेड बन पाता है या फिर आगे भी मृतकों के परिजन इसी परेशानी से जूझते रहेंगे।

 

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