भोपाल । वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के विवाद के बाद अब भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। असल में संस्कृति बचाओ मंच ने दावा किया है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। यही वजह है कि सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि इस मामले में पुरातत्व विभाग सर्वे करें। इसके लिए आज उन्होंने मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को ज्ञापन भी दिया है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*
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काशी के ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब भोपाल के जामा मस्जिद में सर्वे कराने की मांग उठी है। संस्कृति बचाओ मंच ने दावा किया है कि जिस जगह बरसों पुरानी जामा मस्जिद खड़ी है उसके ठीक नीचे शिव मंदिर है, हालांकि इस दावे के पीछे संस्कृति बचाओ मंच के पास फिलहाल कोई ठोस प्रमाण नहीं है। सिवाए भोपाल रियासत की तत्कालीन शासक कुदासिया बेगम की आत्मकथा के एक हिस्से के लेकिन संस्कृति बचाओ मंच ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से लेकर अदालत तक का दरवाजा खटखटा दिया है।
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ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की खबर सुर्खियां बनते ही मध्यप्रदेश में का एक पुराना विवाद फिर सामने आ गया है। धार के विश्व प्रसिद्ध भोजशाला कमाल मौलाना मस्जिद के मामले में हफ्तेभर पहले इंदौर हाईकोर्ट में स्वीकार हुई याचिका के बाद आंदोलनकारी उत्साहित हैं। दरअसल (ग्राफिक्स इन) भोजशाला के बारे में कहा जाता है कि इसे राजा भोज ने एक हजार साल पहले संस्कृत के प्रचार प्रसार और पठन-पाठन के लिए बनाई थी। बाद में बाबा कमाल जो इस्लाम के प्रचार प्रसार के लिए मालवा आए थे उनका आशरा भी यहीं रहा. भोजशाला हिन्दू और मुसलमान दोनों के लिए आस्था और स्वाभिमान का विषय रहा है। कोर्ट में मामला जाने के बाद एक पक्ष ये मान रहा है कि अब विवाद जल्द खत्म होगा। बहरहाल ऐसे मामलों में सियासत भी तेज़ हो गई है।
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कुल मिलाकर हर पक्ष के अपने दावे हैं कौन सही है और कौन गलत कहा नहीं जा सकता। फिलहाल जामा मस्जिद और भोजशाला को लेकर पुलिस अलर्ट पर है। लेकिन क्या ये विवाद असल बुनियादी मसलों से ध्यान हटाने की है या फिर सच में इनका सच्चाई से कोई वास्ता हैं। जो भी हो ये कोर्ट तय करेगा लेकिन हमें आपको सावधानी से अपनी जिम्मेदारी निभानी है। अमन चैन बनाए रखना है ताकि मध्यप्रदेश मिसाल के तौर पर देशभर में याद किया जाए।