नवीन सिंह/भोपालः करवा चौथ यानि महिलाओँ के लिए साल का सबसे अहम दिन,जिसपर वो अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना के साथ कठिन निर्जला व्रत रखती हैं। भोपाल में इसे लेकर एक प्री-करवा चौथ सेलिब्रेशन हुआ। जिसमें विधायक आरिफ मसूद बतौर मुख्य अतिथि बुलाए गए। आयोजन की तस्वीरें देखकर लगा ये बेहद कामयाब रहा, लेकिन इस आयोजन को लेकर कई सवाल उठा दिए। कई सलाहें देते हुए आयोजकों और विधायक मसूद को काफी ट्रोल किया गया। आखिर क्या आपत्ति है विरोध करने वालों को, क्या तर्क हैं आयोजकों का?
Read More : करवाचौथ पर इस तरह सजी स्टार क्रिकेटर की पत्नी, पति ने लुटाया प्यार
दरअसल करवा चौथ के मेहंदी कार्यक्रम में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का शामिल होना न बीजेपी और भगवा ब्रिगेड को हजम नहीं हो रहा है। लिहाजा आरिफ मसूद और आयोजकों के खिलाफ दोनों खुलकर मैदान में कूद पड़े हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि प्री करवा चौथ सेलिब्रेशन के जरिए लव जिहाद के एजेंडे को हवा दी जा रही है। बीजेपी और भगवा ब्रिगेड का कहना है कि हिजाब की तरफदारी करने वाले कांग्रेस विधायक महिलाओं के कार्यक्रम में क्यों गए। अगर गए भी तो अपनी बेगम और घर की बेटियों को लेकर क्यों नहीं गए। मसदू और प्री करवा चौथ के आयोजक को सभी से माफी मांगनी चाहिए। जाहिर है बात अब थाने तक पहुंच गई है। नाराज़ राजपूत संगठनों ने आयोजकों की शिकायत थाने में कर दी है।
Read More : लिवर डोनेट कर बचाई बीमार गर्लफ्रेंड की जान, फिर दोनों ने रचाई शादी, लेकिन….
दरअसल कार्यक्रम के आयोजकों ने आरिफ मसूद को बतौर चीफ गेस्ट बुलाया था। कार्यक्रम की थीम के मुताबिक महिलाओं को राजपूती पोशाक पहन कर आना था। आरिफ मसूद कार्यक्रम में आए भी और सभी महिलाओं का अभिवादन भी किया, लेकिन शाम होते होते सोशल मीडिया में प्री करवा चौथ के कार्यक्रम को लेकर बवाल हो गया। हिंदू संगठनों ने सोशल मीडिया में जमकर विरोध किया। सोशल मीडिया में महिलाओं ने भी आयोजकों और आरिफ मसदू पर तल्ख टिप्पणी की। ये भी कहा गया कि बेहतर होता कि प्री करवा चौथ सेलिब्रेशन में शामिल हो रहीं महिलाएं अपने पति को साथ लाती या फिर आरिफ मसूद की जगह भोपाल की मेयर मालती राय को ही बतौर मुख्य अतिथि बुलाती ताकि परंपराएं और महिलाओं की मर्यादा भी बनी रहती।
Read More : Diwali 2022: दिवाली पर बन रहा है खास संयोग, इस बार साथ मनाई जाएगी छोटी और बड़ी दिवाली
जाहिर है करवा चौथ के जरिए सियासत फिर दो धर्मों के बीच दीवार बन कर खड़ी हो गई है। एक दूसरे की खिंचाई की जा रही है। सोशल मीडिया पर आय़ोजकों से लेकर कांग्रेस को ट्रॉल किया जा रहा है। बहरहाल चुनावों के पहले मध्यप्रदेश की सियासत में इस तरह के बवाल होना नयी बात नहीं है। लेकिन करवा चौथ के नाम पर राजनीति की रोटी सेंकने वालों को कम से कम महिलाओं की मर्यादा का ख्याल ज़रुर रखना होगा।