भोपालः MP Assembly Congress Protest मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र जारी है। पहले और दूसरे दिन की तरह ही तीसरे दिन भी कांग्रेस विधायकों ने प्रदर्शन किया। श्योपुर विधायक कांग्रेस विधायक बाबू सिंह जंडेल और तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार गले में शराब की बोतलों के साथ गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक महेश परमार का दावा है कि MP में शराब को लेकर बड़ा स्कैम हुआ है CBI ने भी इस बात को माना है। CBI जल्द MP में जांच शुरू करेगी। वहीं दोनों नेताओं ने मामले की जांच और दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है।
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MP Assembly Congress Protest इधर, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बुधवा को कहा कि सरकार को युवाओं को नौकरी देना चाहिए। सदन का ध्यान आकर्षित करने के लिए विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाथ में चाय की केतली लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, ”जब युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा तो उनके पास चाय बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।”
बता दें कि तीसरे दिन आज अनुपूरक बजट पर चर्चा की जा रही है। इसमें उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि बजट पर चर्चा हो लेकिन बजट की कॉपी भी मिल जाए। ऐसी क्या स्थिति है कि सरकार को हर 15 दिन में कर्ज लेना पड़ रहा है। जनता पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ाया जा रहा है। सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि उनके पास कोई फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं है।
कांग्रेस विधायक बाबू सिंह जंडेल और महेश परमार शराब की बोतलों के साथ गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन कर रहे थे। उनका आरोप था कि मध्यप्रदेश में शराब घोटाला हुआ है और सीबीआई ने इसे स्वीकार किया है। उन्होंने मामले की जांच और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।
कांग्रेस विधायक महेश परमार ने दावा किया कि सीबीआई ने माना है कि मध्यप्रदेश में शराब घोटाला हुआ है और जल्द ही सीबीआई इसकी जांच शुरू करने वाली है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा में चाय की केतली लेकर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, और इसलिए उनके पास चाय बेचने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचता।
विपक्षी नेता हेमंत कटारे ने अनुपूरक बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकार को हर 15 दिन में कर्ज लेना पड़ रहा है और जनता पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। उन्होंने सरकार की वित्तीय योजनाओं पर सवाल उठाए और कहा कि सरकार को यह स्वीकार करना चाहिए कि उनके पास कोई मजबूत वित्तीय योजना नहीं है।