Reported By: Dushyant parashar
,नई दिल्लीः International Tiger Day मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव टाइगर्स डे के अवसर पर कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बाघों पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने बाघों के संरक्षण के लिए बेहतरीन काम करने वाले वनकर्मियों को सम्मानित किया। सभा को संबोधित करते हुए सीएम यादव ने कहा कि ‘टाइगर स्टेट’ की उपलब्धि हासिल कर मप्र ने इको-टूरिज्म की ओर कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों ने बाघों के प्राकृतिक आवास को सहेजने के साथ बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने की भी अपील की।
International Tiger Day सीएम यादव ने कहा कि बाघ का नाम लेते ही रोमांच और आनंद आ जाता है। दिन में राजधानी भोपाल में लोग घूमते हैं और रात में बाघ सड़कों पर घूमते हैं। देश में किसी राज्य की राजधानी ऐसी नहीं है। बाघों की संख्या में कम समय में हमने दोगुनी रफ्तार पकड़ी है। 25 लाख से ज्यादा पर्यटक हमारे पास बाघों को देखते आने हैं। रामनिवास रावत के को लेकर उन्होंने कहा कि हमें अच्छे जंगल के मंत्री मिल गए हैं। जंगल का राजा शेर थोड़ी ही है वो तो केवल दिखने वाला है। शेर और बाघ में सीएम ने बताया अंतर बताते हुए कहा कि शेर खुद शिकार नहीं करता, बल्कि वह दूसरों से करवाता है। एमपी के टाइगर इंसानों के साथ मिलकर रहते हैं। भोपाल में तो इंसानों के साथ एडजस्ट भी करते हैं।
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश में मध्यप्रदेश सौभाग्यशाली है, जहां सबसे ज्यादा बाघ है। हम और भी सौभाग्यशाली है कि पूरे एशिया में चीता नहीं पाए जाते, लेकिन एमपी में हैं। नए टाइगर रिजर्व और सेंचुरी जहां टाइगर नहीं हैं, वहां भी व्यवस्था करेंगे। चीता प्रोजेक्ट गति पकड़ रहा है। जल्द ही इसे आम लोगों के लिए खोला जाएगा। अभी गांधीसागर में चीते छोड़े जा रहे हैं। किंग कोबरा भी हमारे यहां विलुप्त है उसकी भी खोज और गणना होनी चाहिए।