CM Shivraj warned the MLAs: भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को सिर्फ पांच महीने बचे है लेकिन मौजूदा विधायकों के खिलाफ जनता की नाराजगी सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। पार्टी को मिले फीडबैक और कई स्तर की सर्वे रिपोर्ट ने पार्टी को चिंता में डाल दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीजेपी विधायकों से वन टू वन चर्चा के दौरान रिपोर्ट में उनकी स्थिति सामने रखकर चेतावनी भी दे चुके है लेकिन विधायकों द्वारा अपने इलाकों में की जा रही कम मेहनत से मुख्यमंत्री खुश नहीं हैं।
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यही वजह है कि उनके द्वारा विधायकों से की जा रही वन टू वन मुलाकात में साफ कह दिया गया है कि अगर मेहनत नहीं की तो फिर हमसे मदद की उम्मीद न करें। यह चेतावनी अब निष्क्रिय विधायकों को तब दी जा रही है, जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए महज पांच माह का ही समय बचा है। इसे मुख्यमंत्री की तरफ से विधायकों के लिए अंतिम चेतावनी के रुप में देखा जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री ने चुनावी तैयारियों की कमान संभाल ली है।
यही वजह है कि अब एक बार फिर से विधायकों से मुलाकात की शुरुआत की गई है। इस मुलाकात के दौरान एक बार फिर से पार्टी विधायकों को उनकी वास्तविकता बताई जा रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा साफ तौर पर उन्हें चेताया जा रहा है।सीएम ने विधायकों से साफ कहा है कि जितनी वे स्वयं मेहनत कर रहे है, उतनी ही उन्हें भी करनी होगी। वन टू वन के दौरान मुख्यमंत्री ने विधायकों को बताया कि किस तरह से कार्यसमिति की बैठक में उनके क्षेत्रों में बन रहे वातावरण और वहां संतुष्टि और असंतुष्टि को लेकर चर्चा हुई है।
CM Shivraj warned the MLAs: सदस्यों द्वारा साफ तौर पर विधायकों के रवैये और उनके क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण में लापरवाही की जा रही है, जिससे क्षेत्रों में समस्याओं के निराकरण हेतु तत्काल प्रभाव से काम करने की जरूरत है। सीएम ने संगठन की दृष्टि से सुझाए गए प्रस्तावों को भी विधायकों के सामने रखा है।
दरअसल सीएम ने विधायकों के मैदानी प्रदर्शन को लेकर एक सर्वे कराया है इसी सर्वे की रिपोर्ट को विधायकों के सामने रखा गया। विधायकों के रवैये और उनके क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण में लापरवाही हो रही है। क्षेत्रों में समस्याओं के निराकरण के लिए तत्काल प्रभाव से काम करने की आवश्यकता है। हालांकि बीजेपी के जिम्मेदार इसे विधायक दल के नेता के तौर पर अपने परिवार के साथ आपसी बातचीत बता रहे है तो वहीं कांग्रेस को बीजेपी को घेरने का मौक़ा मिल गया है।