Vidisha Lok Sabha Chunav 2024 : शिवराज सिंह चौहान Vs प्रताप भानु शर्मा..! विदिशा सीट पर कांटे की टक्कर, क्या पूर्व सीएम को चुनौती दे पाएंगे कांग्रेस उम्मीदवार? देखें पूरा वीडियो

Shivraj Singh Chauhan Vs Pratap Bhanu Sharma..! Close contest on Vidisha seat, will Congress candidate be able to challenge former CM?

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  • Publish Date - May 2, 2024 / 09:04 PM IST,
    Updated On - May 2, 2024 / 09:04 PM IST

Vidisha Lok Sabha Chunav 2024 : विदिशा। मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट देश की VVIP सीटों में से एक है। इस सीट से देश के कई दिग्गज नेता सांसद रह चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान। लेकिन इस बार का चुनाव में विदिशा से एक बार फिर शिवराज सिंह अपनी पुरानी सीट पर लौट आए हैं। बीजेपी ने विदिशा से जहां पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान तो कांग्रेस ने पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। देखना होगा कि कौन किस पर भारी पड़ेगा। ऐसे में देखते है हम, माहौल टाइट है..!

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विदिशा सीट मध्य प्रदेश की खास सीट है। यहां से 16 साल 5 माह का मुख्यमंत्री, 5 बार का सांसद और 6 बार का विधायक शिवराज सिंह चौहान मैदान में है तो कांग्रेस ने विदिशा से ही 2 बार सांसद रहे प्रताप भानु शर्मा को मैदान में उतारा है। बता दें कि 33 सालों बाद 77 की उम्र में प्रताप भानु शर्मा चुनावी मैदान में उतरे हैं। शिवराज सिंह चौहान को उम्मीद है कि प्रदेश की लाडलियों और भांजियों की दुआएं उसे 19 सालों बाद फिर चुनावी रण का विजयी बनाएगी तो वहीं प्रताप भानु शर्मा, कांग्रेस की गारंटी के सहारे लोगों से भरोसा करने की गुहार लगा रहे हैं।

विदिशा लोकसभा का इतिहास

साल 1967 में विदिशा सीट से जनसंघ के पंडित शिव शर्मा जीते थे। 1977 में जनसंघ से मशहूर पत्रकार रामनाथ गोयनका ने जीत दर्ज की तो 1977 में भारतीय लोकदल से राघवजी जीते। फिर साल 1980 ये सीट कांग्रेस के पाले में चली गई और 1980 और 1984 में कांग्रेस के प्रतापभानु शर्मा जीते। इसके बाद समय ने करवट ली और 1989 में भाजपा से राघव जी जीत गए। ये सीट हाई प्रोफाइल उस वक्त से हो गई जब 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जब अटल बिहारी वाजपेई ने लखनऊ के लिए विदिशा सीट छोड़ी तो शिवराज सिंह चौहान पहली बार सांसद बने फिर 1996 से 2004 तक 4 बार शिवराज सिंह जीतते रहे। फिर साल 2009 और 2014 में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सांसद बनीं। इसके बाद 2019 में शिवराज के करीबी रमाकांत भार्गव ने जीत दर्ज की, जिन्होंने तकरीबन 5 लाख वोटो से जीत हासिल की।

विदिशा लोकसभा सीट 4 जिलों की 8 विधानसभा सीटों को लेकर बनी है, इनमें विदिशा रायसेन सीहोर और देवास है, जिनमें से 7 पर भाजपा और एक पर कांग्रेस काबिज है। इसी लोकसभा की बुधनी विधानसभा से शिवराज सिंह चौहान 6 बार विधायक भी रह चुके हैं। दरअसल इस इलाके में जाति का समीकरण से ज्यादा, चाल-चरित्र और चेहरा बिकता आया है चाहे वह रामनाथ गोयनका का हो अटल बिहारी वाजपेई का हो सुषमा स्वराज का हो या शिवराज का।

विदिशा सीट पर जातीय समीकरण?

इस सीट पर कुल मतदाता 19,38,327 है। जिनमें पुरुष 10,04,249 तो महिलाओं की संख्या 9,34,035 है। अगर ग्रामीण आबादी की बात करें तो ये 81.39 % है वहीं, शहरी आबादी की बात करें तो ये 18.61 % हैं। इस सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो OBC 38 फीसदी, SC 19 फीसदी, ST 10 फीसदी, सामान्य 29 फीसदी और मुस्लिम आबादी 7 फीसदी है।

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