Publish Date - January 23, 2025 / 12:30 PM IST,
Updated On - January 23, 2025 / 02:50 PM IST
छतरपुर: Guest Teacher Recruitment Fraud जिले के राजनगर में अतिथि शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा मामले पर बड़ी कार्यवाई की गयी है अब कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज किया गया है। राजनगर थाने में 19 शिक्षकों पर FIR दर्ज कर लिया गया है। 7 साल पहले अतिथि शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आया था। जिसपर आरोपी शिक्षकों पर अब एफआईआर दर्ज किया है। आरोपियों पर स्कूल एवं शिक्षा विभाग की मिली भगत से अपात्रों को अतिथि शिक्षक बनाने का आरोप है। इस मामले में साल 2017-18 में रविंद्र मिश्रा नाम के युवक ने कोर्ट में केस दायर किया था। कोर्ट के फैसले का बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
Guest Teacher Recruitment Fraud इन 19 शिक्षकों पर धारा 420,465,120B के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है । छतरपुर के राजनगर थाने में राजनगर विकासखंड के पूर्व विकासखंड शिक्षा अधिकारी एम के त्रिपाठी सहित 19 शिक्षकों पर मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता रविंद्र मिश्रा ने बताया वर्ष सत्र 2018 में फर्जी अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई थी जिसकी शिकायत के बाद विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर भी मामला ठंडे बस्ते चला गया था। जिसके बाद शिकायतकर्ता द्वारा न्यायालय में परिवाद दायर किया गया था। जिसका फैसला आने के बाद सभी को दोषी करार दिया गया। राजनगर थाने में मामला दर्ज किया गया है। जिससे अब छतरपुर के शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
राजनगर में अतिथि शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा मामले में क्या हुआ था?
राजनगर में 2018 में फर्जी अतिथि शिक्षक भर्ती की गई थी, जिसमें अपात्र शिक्षकों को भर्ती किया गया। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर 19 शिक्षकों पर FIR दर्ज की गई है।
इस मामले में कितने लोगों पर FIR दर्ज की गई है?
इस मामले में 19 शिक्षकों और राजनगर विकासखंड के पूर्व शिक्षा अधिकारी एम के त्रिपाठी पर FIR दर्ज की गई है।
यह मामला कब और क्यों सामने आया?
यह मामला 2017-18 में हुआ था, लेकिन शिकायतकर्ता रविंद्र मिश्रा ने कोर्ट में केस दायर किया, जिसके बाद कोर्ट के आदेश से FIR दर्ज की गई।
इस मामले में क्या धाराएं लगाई गई हैं?
आरोपियों पर धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), और 120B (साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता ने न्यायालय में कब और क्यों केस दायर किया था?
शिकायतकर्ता रविंद्र मिश्रा ने 2017-18 में हुई फर्जी भर्ती के बाद विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद मामला ठंडा पड़े जाने पर न्यायालय में केस दायर किया था।