Bageshwar dham shadi: छतरपुर। इन दिनों छतरपुर के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सुर्खियों में बने हुए है। इधर बागेश्वर धाम पर शादी की जोरों-शोरों से तैयारियां चल रहीं है। जिसके बाद सभी के मन में ये जानने की जिज्ञासा है कि आखिर किसके सिर शहरा सजने वाला है। दरअसल हर साल की तरह इस साल भी बागेश्वर धाम पर सामूहिक विवाह होने जा रहा है। जिसकी तैयारियां जोरो से चल रही है। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आगामी 18 फरवरी को 121 कन्याओं का सामूहिक विवाह कराने जा रहे हैं।
Bageshwar dham shadi: ये कोई आम विवाह नहीं है, बल्कि लाखों-करोड़ों रुपये की लागत से बड़े स्तर पर कराया जा रहा है। धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि सभी बेटियों के लिए उन्होंने LED TV, फ्रिज, बर्तन, गैस-चूल्हा आदि तैयार रखे हैं और उनकी इच्छा है कि सभी को एक-एक मोटरसाइकिल भी दें। हर साल की तरह इस बार भी उन्होंने कोई कमी नहीं छोड़ी है। इतना ही नहीं, बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह इच्छा भी जताई है कि वह एक बार 1100 बेटियों की शादी एक साथ बागेश्वर धाम से कराएं।
Bageshwar dham shadi: बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बहुत पुण्य का काम करने जा रहे हैं, लेकिन सवाल ये उठता है कि विवाह में आने वाले खर्च के भार का इंतजाम आखिर कैसे किया जा रहा है? टीवी से लेकर फ्रिज तक और बेड से लेकर अलमारी तक खरीदने का पैसा किसके खाते से और कहां से आता है? क्योंकि जाहिर है कि शानदार उपहारों के साथ बेटियों की विदाई की व्यवस्थाओं को पूरा करने के लिए करोड़ों का खर्च आता हैं।
Bageshwar dham shadi: इसका जवाब देते हुए बागेश्वर धाम सरकार की तरफ से बताया गया कि वहां कोई दान-पेटी नहीं है, इसलिए चढ़ावा नहीं आता। हालांकि, कोई व्यास पीठ पर चढ़ा जाए, तो वो अगल बात है। धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि ये श्रद्धालुओं की भावना है कि उनका काम सफल होने पर वह चढ़ावा चढ़ा जाते हैं। जब भक्त पूछते हैं कि क्या सेवा करें, तो बाबा धीरेंद्र शास्त्री यही कहते हैं कि बेटियों के विवाह में लगा देना या फिर भंडारे के लिए मदद कर देना।
Bageshwar dham shadi: बागेश्वर धाम द्वारा कराए जा रहे सामूहिक विवाह में बेटियों के लिए केवल सामान की खरीदारी नहीं होती, बल्कि इतने बड़े आयोजन के लिए पंडाल भी लगाया जाता है और सैकड़ों लोगों के लिए कई दिन तक तीन समय का खाना भी बनता है। बड़े-बड़े बर्तनों में भोजन की व्यवस्था की जाती है।
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