Tigers are coming in Kuno National Park: श्योपुर। वैसे तो 15 अगस्त का दिन ऐसे ही बहुत मायने रखता है पर इस बार यह दिन टाइगर स्टेट कहलाने वाले मध्य प्रदेश के लिए और भी ज्यादा ख़ास होने वाला है। क्योंकि, 75 साल बाद गणतंत्र दिवस के दिन से राज्य में चीतों के कदम पड़ने जा रहे है। भारत में विलुप्त हो चुके चीतों की संख्या में बढ़ाने के लिए अफ्रीकन चीते लाए जा रहे है। अफ्रीका से चीतों को वापस देश में बसाने के लिए सबसे उपयुक्त कूनो पालपुर नेशनल पार्क को चुना गया है। 15 अगस्त को श्योपुर के कूनो नेश्नल पार्क में अफ्रीकी चीते लाए जाएंगे। चीतो की फिर से वापसी की यह घटना इतिहास के पन्नों में दर्ज होने जा रही है। इसके लिए कूनो पालपुर नेशनल पार्क में सभी तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं।
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Tigers are coming in Kuno National Park: इन चीतों को हवाई मार्ग के जरिए लाया जाएगा, लेकिन यह किस रास्ते से लाए जाएंगे, सुरक्षा के मद्देनजर इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है। हालांकि सबसे नजदीक ग्वालियर एयरपोर्ट है, इसलिए चीते पहले ग्वालियर, फिर कूनो पालपुर वाया रोड लाए जा सकते हैं। कूनो पालपुर नेशनल पार्क के लिए स्टैंडर्ड संख्या के मान से 12 चीते लाए जाने की बात अधिकारी कह रहे हैं। इनमें 9 मादा और 3 नर शामिल हो सकते हैं।
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Tigers are coming in Kuno National Park: साल 1952 में चीता को भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। कुनो नेशनल पार्क में चीतों की बसाहट को केंद्र ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ अभियान के हिस्से के रूप में पेश करना चाहता है। गौरतलब है कि भारत में आखिरी बार 1950 में चीता छत्तीसगढ़ राज्य में देखा गया था। इसके बाद चीते देश में कहीं नजर नहीं आए। सरकार ने चीता दिखाने वाले को 5 लाख रु. का इनाम भी रखा था। लेकिन चीता कभी किसी को नजर ही नहीं आया।
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