Vidisha Lok Sabha Election 2024 : विदिशा। मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट देश की VVIP सीटों में से एक है। इस सीट से देश के कई दिग्गज नेता सांसद रह चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान। लेकिन इस बार का चुनाव में विदिशा से एक बार फिर शिवराज सिंह अपनी पुरानी सीट पर लौट आए हैं। बीजेपी ने विदिशा से जहां पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान तो कांग्रेस ने पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। बता दें कि विदिशा लोकसभा सीट पर कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं। देखना होगा कि कौन किस पर भारी पड़ेगा?
Vidisha Lok Sabha Election 2024 : विदिशा सीट मध्य प्रदेश की खास सीट है। यहां से 16 साल 5 माह का मुख्यमंत्री, 5 बार का सांसद और 6 बार का विधायक शिवराज सिंह चौहान मैदान में है तो कांग्रेस ने विदिशा से ही 2 बार सांसद रहे प्रताप भानु शर्मा को मैदान में उतारा है। बता दें कि 33 सालों बाद 77 की उम्र में प्रताप भानु शर्मा चुनावी मैदान में उतरे हैं। शिवराज सिंह चौहान को उम्मीद है कि प्रदेश की लाडलियों और भांजियों की दुआएं उसे 19 सालों बाद फिर चुनावी रण का विजयी बनाएगी तो वहीं प्रताप भानु शर्मा, कांग्रेस की गारंटी के सहारे लोगों से भरोसा करने की गुहार लगा रहे हैं।
साल 1967 में विदिशा सीट से जनसंघ के पंडित शिव शर्मा जीते थे। 1977 में जनसंघ से मशहूर पत्रकार रामनाथ गोयनका ने जीत दर्ज की तो 1977 में भारतीय लोकदल से राघवजी जीते। फिर साल 1980 ये सीट कांग्रेस के पाले में चली गई और 1980 और 1984 में कांग्रेस के प्रतापभानु शर्मा जीते। इसके बाद समय ने करवट ली और 1989 में भाजपा से राघव जी जीत गए। ये सीट हाई प्रोफाइल उस वक्त से हो गई जब 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जब अटल बिहारी वाजपेई ने लखनऊ के लिए विदिशा सीट छोड़ी तो शिवराज सिंह चौहान पहली बार सांसद बने फिर 1996 से 2004 तक 4 बार शिवराज सिंह जीतते रहे। फिर साल 2009 और 2014 में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सांसद बनीं। इसके बाद 2019 में शिवराज के करीबी रमाकांत भार्गव ने जीत दर्ज की, जिन्होंने तकरीबन 5 लाख वोटो से जीत हासिल की
उम्मीदवार – 13
मतदान केंद्र- 2384
समीकरण
– कांग्रेस में ब्राम्हण प्रत्याशी होने के चलते चुनाव रोचक हुआ है l पिछली 3 बार से बीजेपी से रहे हैं ब्राम्हण सांसद l
– 32 साल बाद कांग्रेस से प्रतापभानु शर्मा और शिवराज सिंह फिर मैदान में हैं l
– इस चुनाव में स्थानीय मुद्दे कहीं नजर नहीं आ रहे, राष्ट्रीय मुद्दों पर ही चुनाब लड़ा जा रहा है l
– 5 बार के सांसद और 18 साल से मुख्यमंत्री होने के चलते चुनाव एकतरफा नजर आ रहा है l
– कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीजेपी में शामिल होने के चलते मतदाताओं में उत्साह कम हुआ है l
– इस बार का चुनाव नीरस नजर आ रहा है वजह, एक पार्टी और प्रत्याशी खुद को जीता मान रहे है जबकि दूसरी पार्टी और प्रत्याशी जीत के अंतर को बड़ाने में लगे हैं l
मुद्दे- विकास, बेरोजगारी, उद्योग, प्रदूषित बेतवा, नर्बदा जल की मांग