भोपालः आस्था के प्रतीक और प्रतीकों की पॉलिटिक्स.. बीजेपी को इसमें महारथ हासिल है। भगवान राम और राम मंदिर के एजेंडे को लेकर बीजेपी कई दशकों तक आगे बढ़ी और ये कहना गलत नहीं होगा कि राम मंदिर के मुद्दे पर ही वो सत्ता के सर्वोच्च शिखर पर काबिज हुई है। लेकिन बीजेपी अब भगवान शिव की भक्ति में भी लीन होने जा रही है।
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बीजेपी के नेता अब जय श्रीराम के साथ के भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए नजर आयंगे। इसके लिए बीजेपी ने अपने सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर पीएम नरेंद्र मोदी का सहारा लिया है। नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ धाम के विस्तारीकरण और चारो धामों के संस्थापक आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर बीजेपी मध्यप्रदेश में शिव आराधना कर पीएम मोदी और खुद को सबसे बड़ा शिव भक्त बताने में जुट गई है।
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5 नवंबर को पीएम मोदी जब केदारनाथ धाम में पूजा करेंगे। उसी वक्त हजारों किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश में बीजेपी नेता शिव की भक्ति में रंगे नजर आएंगे। अब तक राम और राम मंदिर को लेकर बीजेपी अपने राजनीतिक आयोजनों को आगे बढ़ाती रही है पर अब बीजेपी के नेता शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करते नजर आएंगे।
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बीजेपी के प्लान के मुताबिक़ 5 नवंबर को मध्यप्रदेश के प्रमुख मंदिरों में बीजेपी के नेता खुद मौजूद रहकर पीएम मोदी के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण करायेंगे। इसके लिए सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित बड़े नेताओं की ड्यूटी लगाईं जा रही है। हर जिले में दो शिवालयों का चयन किया गया है। हालांकि बीजेपी की शिव भक्ति से पहले खुद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ा चुके है..लेकिन कांग्रेस को बीजेपी की शिव भक्ति रास नहीं आ रही।
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जाहिर है राम और राम मंदिर के मुद्दे पर बीजेपी दशकों से राजनीति करती आई है। अयोध्या में बन रहे भव्य राममंदिर के निर्माण का श्रेय बीजेपी ले भी रही है। अब सवाल है कि क्या राम मंदिर निर्माण के बाद सियासत में ये मुद्दा खत्म जाएगा। क्या यही वजह है कि राम के बजाय अब बीजेपी शिव की भक्ति में अपना राजनीतिक भविष्य तलाश रही है।