BJP is going to make a big bet on interest waiver of defaulter farmers भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर किसान सियासत के केंद्र में हैं… चुनाव पांच महीने बाद होने हैं…लिहाजा कांग्रेस-बीजेपी दोनों दल किसानों को रिझाने में पूरा जोर लगा रहे हैं… BJP डिफॉल्टर किसानों की ब्याजमाफी का बड़ा दांव चलने जा रही है.. और वहीं कमलनाथ ये ऐलान कर चुके हैं कि कांग्रेस सरकार में आई तो किसानों का कर्ज माफ करेगी… तो अब MP में किसान तय करेंगे कि कांग्रेस की कर्ज माफी की नीति बेहतर है.. या बीजेपी की तरफ से ब्याज माफी कर डिफॉल्टर किसानों को उबारने की योजना…
क्या ये ‘माफी’ काफी है ?
’23’ की झांकी बाकी है !
बयानों से साफ है कि मध्यप्रदेश की सियासत में किसान कितनी अहमियत रखता है… शिवराज सरकार ने चुनाव के छह महीने पहले किसानों को लेकर बड़ा दांव खेला है… कांग्रेस सरकार में कर्ज माफ़ी की आस में बैठे वो किसान जो डिफ़ॉल्टर हो गए थे.. ऐसे मूलधन और ब्याज मिलाकर दो लाख रुपए तक का ऋण लेने वाले 11 लाख 19 हजार किसानों का ब्याज शिवराज सरकार भरेगी…बीजेपी सरकार ने इस दांव को भुनाने के लिए प्लान तैयार कर लिया है.. 13 जून को राजगढ़ के मोहनखेड़ा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में CM शिवराज सिंह किसान ब्याजमाफी योजना की शुरुआत करेंगे। जिसमें जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों में किसानों के खाते में 2 हजार 123 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे.. अब मुद्दा किसानों का है.. तो अपनी-अपनी योजनाओं पर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल किसानों के सहारे चुनावी वैतरणी पार लगाना चाहते हैं… 2018 में किसानों के कर्जमाफ़ी के मुद्दे पर चुनाव लड़ा गया था… 2023 में इसी मुद्दे पर एक बार फिर सियासी घमासान के पूरे आसार हैं.. क्योंकि 2018 में किसानों के इस मुद्दे ने चुनावी नतीजों पर प्रभाव डाला था.. इसीलिए कांग्रेस एक बार फिर सरकार आने पर किसान कर्जमाफ़ी की बात कर रही है.. तो बीजेपी सरकार ने किसानों की ब्याज माफ़ी का बड़ा दांव चल दिया है.. तो सवाल यही है कि.. कर्जमाफी और ब्याजमाफी की जंग में… किसान आखिर किसके संग में।
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