भोपालः BJP-Congress preparing for 2023 elections मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव भले अगले साल हो पर प्रदेश के दो सबसे बड़े राजनीतिक दल कांग्रेस और बीजेपी अभी से चुनावी मोड में आ गए है। संगठन को मजबूती देने दोनों ने कमर कस ली है। बीजेपी जहां एक ओर बूथ विस्तारक योजना में शीर्ष नेताओं के जरिये 65 हजार बूथ तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है तो दूसरी ओर कांग्रेस अब ‘घर चलो, घर-घर चलो’ अभियान चलाकर वोटर्स में अपनी जमीनी पकड़ मजबूत करेगी।
BJP-Congress preparing for 2023 elections मिशन 2023 के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने चुनावी तैयारियां तेज कर दी है। जबलपुर में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पदाधिकारियों की बैठक लेकर आगे के लिये टिप्स दिए तो वहीं भोपाल में कमलनाथ ने पार्टी की आगामी रणनीति पर चर्चा की। जाहिर तौर पर बीजेपी और कांग्रेस का पूरा फोकस संगठन को मजबूत करने पर है। जिसके लिये बैठकों और मंथनों का दौर शुरू हो गया है।
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बात करें सत्तारूढ़ बीजेपी की तो वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने और सत्ता को बरकरार रखने आगामी 20 जनवरी से बूथ विस्तारक योजना शुरू करने जा रही है। इसके तहत पार्टी के 10 दिन में 65 हजार बूथों तक संगठन को पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। सीएम, प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी समेत सभी नेता बूथ विस्तारक की जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके साथ ही बीजेपी ने हर बूथ को डिजिटल बनाने का टारगेट रखा है। इसके लिए बीजेपी ने एक ऐसा एप तैयार किया है, जिसमें संगठन से संबंधित डिजिटल डाटा मोबाइल पर देखा जा सकेगा। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का दावा है कि ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा।
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दूसरी ओर कांग्रेस में भी बैठकों का दौर जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भोपाल में जिला प्रभारी और जिला कांग्रेस अध्यक्षों के साथ बैठक की और दो टूक कहा कि अगर संगठन को मजबूत नहीं किया तो यूपी कांग्रेस जैसा हाल हो जाएगा। अगले 18 महीने अग्नि परीक्षा है, कड़वा घूंट पीना पड़े तो पी लो। बैठक में ये भी तय हुआ कि कांग्रेस अभियान चलाकर बीजेपी सरकार की असफलताओं को घर-घर पहुंचाएगी। इसके जरिए सदस्यता अभियान को भी गति दी जाएगी। कमलनाथ ने सभी जिला प्रभारियों और अध्यक्षों को मार्च 2022 तक सदस्यता का लक्ष्य पूरे करने के निर्देश भी दिए है.. कांग्रेस ने वोटरों तक पहुंचने वाले अभियान का नाम “घर चलो घर घर चलो ” अभियान दिया है!
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बहरहाल मध्यप्रदेश में करीब 21 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन अभी से बीजेपी और कांग्रेस एक्टिव मोड में हैं। पारंपरिक रणनीति के अलावा हाईटेक प्लान बनाए जा रहे हैं। दोनों दल का एक ही लक्ष्य है कि चुनाव से पहले वो अपनी पार्टी की जमीनी पकड़ मजबूत कर सके। अब देखना ये है कि कौन अपने लक्ष्य के कितना करीब पहुंच पाता है।