भोपाल, 20 सितंबर (भाषा) मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस इस समय ‘यात्रा की राजनीति’ में जुटे हैं। दोनों दल वादे और नीतियों के साथ अपने महत्वपूर्ण मुद्दों को जोर-शोर से उठा रहे हैं और साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं तक पहुंचने के लिए यात्राएं निकाल रहे हैं।
दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के वरिष्ठ नेता मतदाताओं और चुनावी एजेंडे के अपने संदेश के साथ राज्य भर में घूम रहे हैं।
मध्य प्रदेश में अपनी चुनाव पूर्व ‘‘जन आक्रोश यात्राओं’’ के दौरान कांग्रेस ने भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, दलितों पर अत्याचार और बढ़ती महंगाई जैसे मुद्दे उठाए हैं, जबकि भाजपा ने अपनी ‘‘जन आर्शीवाद यात्राओं’’ में सनातन धर्म विवाद, विकास और तुष्टीकरण की राजनीति जैसे मामलों को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा है।
दोनों पार्टियां अपनी चुनाव पूर्व यात्राओं को जनता से ‘भारी’ समर्थन मिलने का दावा कर रही हैं।
भाजपा ने मतदाताओं तक पहुंचने के लिए तीन सितंबर से ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ (लोगों के आशीर्वाद के लिए मार्च) शुरू की, जबकि कांग्रेस ने मंगलवार को अपनी ‘जन आक्रोश यात्रा’ शुरू की, जिसमें दावा किया जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ जनता में गुस्सा है।
अपने जन संपर्क कार्यक्रम के दूसरे दिन बुधवार को, कांग्रेस नेताओं ने रैलियों को संबोधित किया और लोगों को अपनी पार्टी के चुनाव पूर्व वादों के बारे में बताया।
बैतूल में, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया और दावा किया कि उनकी पार्टी आगामी चुनावों में 230 विधानसभा सीटों में से 150 सीटें जीतकर अगली सरकार बनाएगी।
दमोह में, प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि भाजपा को अपने शासन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के लिए लोगों से माफी मांगने के लिए ‘जन आशीर्वाद’ के बजाय ‘माफी यात्रा’ निकालनी चाहिए।
कैलारस (मुरैना जिला) में बोलते हुए, विधानसभा में विपक्ष के नेता गोविंद सिंह ने मार्च 2020 में सत्ता संभालने वाली सरकार द्वारा दलितों और आदिवासियों पर कथित अत्याचार और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने नेपानगर (बुरहानपुर) में एक सभा को संबोधित किया और सत्तारूढ़ भाजपा पर आदिवासियों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया।
राज्य के पूर्व मंत्री अजय सिंह और कमलेश्वर पटेल सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी विभिन्न स्थानों पर यात्रा को संबोधित किया।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य के पांच अलग-अलग स्थानों से निकाली जा रही जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान सभाओं को संबोधित किया।
चार बार के मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को इंदौर में कार्यक्रम में भाग लेते हुए दावा किया कि भाजपा को इन यात्राओं के दौरान नागरिकों से ‘भारी’ समर्थन मिल रहा है।
चौहान ने कहा, ‘लोग सत्तारूढ़ दल को आशीर्वाद देंगे, जबकि कांग्रेस को उनके गुस्से का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उसने दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक राज्य में शासन करते समय भाजपा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया था।’
मुख्यमंत्री ने विपक्षी दल पर सनातन धर्म का अपमान करने का भी आरोप लगाया।
राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रायसेन में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण करने और देश के खिलाफ काम करने वालों को बचाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कांग्रेस पर सोनिया गांधी द्वारा रिमोट से संचालित सरकारें चलाने का आरोप लगाया।
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आमला (बैतूल जिले) में एक सभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारें, जब सत्ता में होती हैं, केंद्रीय आलाकमान द्वारा रिमोट-नियंत्रित होती हैं।
सारंग ने कहा कि दूसरी ओर, भाजपा महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गों को सशक्त बनाने के अलावा गरीबों और किसानों की सेवा कर रही है।
मध्य प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष प्रभात झा और उत्तर प्रदेश के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने क्रमशः छतरपुर जिले और बांदा (सागर जिले) में विभिन्न सभाओं को संबोधित किया।
‘भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और दलितों और महिलाओं के खिलाफ अपराध’ जैसे विभिन्न मुद्दों को उजागर करने के लिए कांग्रेस की 15 दिनों की यात्रा के मध्य प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में 11,400 किलोमीटर की दूरी तय करने की उम्मीद है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने दावा किया कि उनकी पार्टी की यात्राओं को राज्य के लोगों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है क्योंकि चौहान सरकार के खिलाफ लोगों में बहुत गुस्सा है।
प्रदेश भाजपा सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा, उत्तराखंड, असम के मुख्यमंत्रियों के अलावा उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्रियों ने अब तक विभिन्न स्थानों पर पार्टी की यात्राओं को संबोधित किया है। इसके अलावा स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर और अश्विनी वैष्णव सहित केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए हैं।
मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस ने 114 सीटें हासिल की और सपा, बसपा और स्वतंत्र विधायकों के समर्थन से कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई। हालांकि, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में उनके समर्थक विधायकों के कांग्रेस से विद्रोह के कारण कमलनाथ सरकार गिर गई। इसके बाद प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक बार फिर भाजपा सरकार बनी।
भाषा दिमो अर्पणा
अर्पणा