Face To Face Madhya Pradesh: जुल्म के जाल में लाडली.. MP में ये कैसी हवा चली? एमपी का सरकारी सिस्टम महिला अपराधों को रोकने में अक्षम क्यों?

Face To Face Madhya Pradesh: जुल्म के जाल में लाडली.. MP में ये कैसी हवा चली? एमपी का सरकारी सिस्टम महिला अपराधों को रोकने में अक्षम क्यों?

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  • Publish Date - March 22, 2025 / 11:53 PM IST,
    Updated On - March 22, 2025 / 11:53 PM IST
Face To Face Madhya Pradesh। Photo Credit: IBC24

Face To Face Madhya Pradesh। Photo Credit: IBC24

Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। आज सदन में सरकार ने महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों का जो आंकड़ा पेश किया है, वो डराने वाला है। मध्यप्रदेश के तमाम इलाकों से महिला प्रताड़ना के जो आंकड़े आ रहे हैं, वो कम होने की बजाय बढ़ोतरी पर हैं । MP में हर रोज रेप के 20 केस दर्ज हो रहे है। 2024 में कुल 7294 रेप के केस दर्ज हुए। कहने को सख्त कानून है, शासन-प्रशासन का बड़ा ढांचा है, सारे संसाधन हैं पर जमीनी हकीकत ये है कि बहू-बेटियां-बहनें सताई जा रही हैं, मारी जा रही हैं, उत्पीड़ित की जा रही हैं। अब सवाल ये है की क्या कानून मूकदर्शक बना बैठा हुआ है।

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मध्यप्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। ये दावा खुद मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार कर रही है। दरअसल, बीजेपी सरकार ने विधानसभा के एक सवाल के जवाब में ये कबूला है कि, पिछले 5 सालों में महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं में 19 फीसदी इज़ाफा हुआ है। कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय के सवाल के जवाब में खुद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ये जवाब दिया है कि, साल 2020 में बलात्कार के 6134 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2024 में 7294 मामले रेप के दर्ज हुए।

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यानी पिछले पांच सालों में 19 फीसदी बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं। वहीं एमपी में अनुसूचित जाति की महिलाओं के खिलाफ 10 फीसदी बलात्कार के मामलों में इज़ाफा हुआ है। अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के खिलाफ 26 फीसदी ज्यादा रेप केस दर्ज हुए हैं, जबकि ओबीसी महिलओं के साथ बलात्कार के मामलों में 20 फीसदी और सामान्य वर्ग की महिलाओं से बलात्कार के मामलों में 24 फीसदी इज़ाफा हुआ है। जाहिर है ये आंकड़े मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।

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मध्यप्रदेश की विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते हिंसा के मामलों पर बवाल पहले दिन से हो रहा है। कांग्रेस ये दावा कर रही है कि एमपी में पुलिसिंग हर मोर्चे पर फेल है। चाहे लॉ एंड ऑर्डर की बात हो या फिर महिलाओं के खिलाफ अपराधों की। कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय के सवाल के जवाब में ये भी सामने आया है कि, मध्यप्रदेश के झाबुआ में 158 फीसदी रेप केस बढ़े हैं। इंदौर शहर में 103 फीसदी, इंदौर ग्रामीण में 69 फीसदी, भोपाल शहर में 59 फीसदी और रतलाम में बलात्कार के मामलो में 46 फीसदी तक का इजाफा हुआ है।

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उधर कांग्रेस के हंगामे पर बीजेपी का तर्क है कि कांग्रेस के जमाने में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार की घटनाओं की रिपोर्ट तक नहीं लिखी जाती थी। एमपी में लाडली बहनों के जरिए तगड़ा पॉलिटिकल माइलेज लेने वाली बीजेपी सरकार फिलहाल मुसीबत में है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा के ताजा आंकड़े आने के बाद कांग्रेस बीजेपी सरकार की चौतरफा घेराबंदी कर रही है। कांग्रेस विधानसभा सत्र के आखिरी दिन भी इस मुद्दे पर बवाल काटने की तैयारी में है।