witness protection act: भोपाल। (सतेंद्र सिंह) मध्य प्रदेश सरकार अपने माथे पर लगे उस कलंक को मिटाने के भरसक प्रयास में है, जो हर साल एनसीआरबी के आंकड़ों में मध्य प्रदेश बलात्कार के मामलों में पहले पायदान पर रहता है। सरकार ने इस बदनामी के दंश को खत्म करने और महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए एजेंडा तैयार किया है। यदि वाकई, महिला के साथ गलत हुआ और न्याय की दरकार है, तो उसे न्याय की चौखट तक पहुंचा आरोपी को सजा दिलाना सरकार की जिम्मेदारी होगी।
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witness protection act: दरअसल, इसको लेकर पुलिस मुख्यालय की महिला सेल एडीजी ने प्रदेश के कई महिला थानों का दौरा किया। दौरे के दौरान जो रिपोर्ट तैयार हुई, उसमें कई ऐसे चौंकाने वाले तथ्य देखे गए, कि न्याय की चौखट यानि कि कोर्ट तक मामला पहुंचते-पहुंचते गवाह का पलट जाना, या फिर गवाह कोर्ट तक पहुंचता नहीं। इनमें दो बिंदु बड़े महत्वपूर्ण निकले है। पहला यह कि आरोपी पक्ष की तरफ से गवाह को धमकाना। दूसरा यह कि कई बार गवाह अपनी नौकरी को छोड़ कोर्ट नहीं जाना चाहते।
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witness protection act: कई बार गरीब तबके के लोग कोर्ट जाने-आने का खर्च वहन नहीं कर सकते। लिहाजा, इसके बाद महिला सेल एडीजी प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने गवाह प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार किया है। पुलिस हर स्तर पर गवाह को मदद मुहैया कराएगी। यह खर्च किस मद से किया जाएगा, फिलहाल यह तय नहीं हुआ है। लेकिन एडीजी प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव का कहना है कि जल्द ही इसे सरकार के सामने रखा जाएगा और गवाह प्रोटेक्शन एक्ट फंड नाम से एक मद शुरु करवा, उसमें पैसा जमा कराया जाएगा।
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witness protection act: बढ़ते महिला अपराधों को लेकर सरकार चिंतित है। महिला अपराधों में कमी लाने आरोपी को सजा दिलाने के लिए गवाह प्रोटेक्शन एक्ट बनाया गया है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय की महिला सेल शाखा ने ड्राफ्ट तैयार किया है। जिसमें खर्च के लिए सरकार के सामने रखा जाएगा। गवाह को हर स्तर पर पुलिस की तरफ से मदद मुहैया कराई जाएगी। यदि गवाह मजदूर वर्ग का तो उसे आने-जाने और दिहाड़ी मजदूरी का खर्चा पुलिस देगी। फिल्मों में जिस तरह पुलिस गवाह को अपने साए के बीच कोर्ट लेकर पहुंचती है ठीक उसी तरह मध्य प्रदेश पुलिस गवाह को कोर्ट लेकर जाएगी।