Bulldozer Action: भोपाल। देश के कई राज्यों खासतौर पर बीजेपी शासित राज्यों में बुलडोजर को त्वरित न्याय के प्रतीक के तौर पर स्थापित किया जा रहा है। बुलडोजर से त्वरित न्याय पर सियासत भी गरमाती रही है। मध्यप्रदेश के छतरपुर में भी बुलडोजर की कार्रवाई के बाद से सियासी संग्राम जारी है। इस बीच बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बुलडोजर का समर्थन कर मध्यप्रदेश की राजनीति में प्रतिक्रियाओं की नई श्रृंखला शुरू कर दी है। वहीं, प्रियंका गांधी ने बुलडोजर न्याय को बंद करने की मांग करते हुए इस पर जारी घमासान को और गहरा दिया है। ऐसे में सवाल है कि बुलडोजर को लेकर मप्र सरकार पर चौतरफा निशाना क्यों? क्या बुलडोडर को लेकर प्रदेश की सियासत दो हिस्सों में बंट गई है.. क्या बुलडोजर की आड़ में मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाया जा रहा है?
मध्यप्रदेश की सियासत में बुलडोजर पर बवाल मचा हुआ है। प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने का दावा करने वाली भाजपा सरकार हर छोटे-बड़े अपराध के आरोपियों के अवैध निर्माणों पर जमकर बुलडोजर चलवा रही है तो विपक्ष बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सरकार पर चौतरफ निशाना साध रही है। ताजा बवाल मचा है छतरपुर में पुलिस थाने पर पथराव के बाद हुई बुलडोजर की कार्रवाई पर, जिसने अब सियासत में उबाल ला दिया है। बागेश्वर बाबा के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने बुलडोजर का समर्थन कर प्रदेश की राजनीति में प्रतिक्रियाओं की नई श्रृंखला शुरू कर दी है।
बाबा के बुलडोजर कार्रवाई के समर्थन करने पर कांग्रेस तमतमा गई। पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नसीहत देते हुए कहा कि, धर्माचार्य को धर्म के नाम पर नफरत फैलाने के बजाए मूल मुद्दों की बात करनी चाहिए। वहीं, भाजपा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ खड़ी है और कांग्रेस पर तुष्टिकरण के आरोप लगा रही है। बुलडोजर पर सियासी संग्राम के बीच कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने X पर लिखा कि बुलडोजर न्याय बंद होना चाहिए, अगर कोई किसी अपराध का आरोपी है तो उसका अपराध, उसकी सजा सिर्फ अदालत तय कर सकती है।
लेकिन, आरोप लगते ही आरोपी के परिवार को सजा देना उनके सिर से छत छिन लेना। आरोपी का घर ढहा देना, ये न्याय नहीं, बर्बरता और अन्याय की पराकाष्ठा है। कानून बनाने वाली सरकारें अपराधी की तरह व्यवहार नहीं कर सकती। बहरहाल छतरपुर में बुलडोजर चलने के बाद से सियासी बयानों की बाढ़ आ गई है। पहले धीरेंद्र शास्त्री और अब प्रियंका गांधी के बयान ने इस मामले में जारी घमासान को और गहरा दिया है।